Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ से पहले संगम नगरी की दीवारों पर दिखेगी अध्यात्म और संस्कृति की छाप, 60 करोड़ से बदलेगी सूरत
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Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ से पहले संगम नगरी की दीवारों पर दिखेगी अध्यात्म और संस्कृति की छाप, 60 करोड़ से बदलेगी सूरत

Mahakumbh 2025: प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने शहर की दीवारों और चौराहों को भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए अलग से बजट तय किया है. 60 करोड़ की लागत से कुंभ नगरी की दीवारें और चौराहों को संवारा जाएंगा. जिसमें शहर की प्रमुख दीवारों में स्ट्रीट आर्ट, चौराहों में म्यूरल्स, ट्रैफिक साइनजेस, स्कल्पचर, लैंड स्केपिंग,  ग्रीन बेल्ट और हॉर्टिकल्चर का काम शामिल है. 

 Prayagraj Mahakumbh 2025

प्रयागराज: साल 2025 का प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन का समय नजदीक आता जा रहा है. जिसको लेकर यूपी सरकार सतर्क हो गई है और जोरों- शोरों से तैयारियों को पूरा करने में लगी हुई है. महाकुंभ को दिव्य, भव्य नव्य और हरित स्वरूप  देने के लिए योगी सरकार संकल्पित है. इसके लिए एक तरफ जहां कुंभ क्षेत्र की कार्य योजना धरातल पर उतारी जा रही है तो वहीं कुंभ क्षेत्र से बाहर शहर के अंदर भी सड़कों के चौड़ीकरण से लेकर शहर की दीवारों और चौराहों को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है.  

60 करोड़ की लागत से सजेगी संवरेगी कुंभ नगरी की दीवारें और चौराहे
प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कुंभ क्षेत्र के बाहर शहर के अंदर भी धर्म और अध्यात्म की अनुभूति इसके लिए भी कार्य योजना धरातल पर उतर रही है. इसकी मंजूरी मिल चुकी है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने शहर की दीवारों और चौराहों को भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए अलग से बजट तय किया है. 

पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद चौहान के मुताबिक शहर के सौंदर्यीकरण के लिए 60 करोड़ का बजट रखा गया है. इस योजना में शहर की प्रमुख दीवारों में स्ट्रीट आर्ट, चौराहों में म्यूरल्स, ट्रैफिक साइनजेस, स्कल्पचर, लैंड स्केपिंग,  ग्रीन बेल्ट और हॉर्टिकल्चर का काम शामिल है. 

दस लाख वर्ग फुट में बनेंगे स्ट्रीट आर्ट और म्यूरल्स
कुंभ नगरी प्रयागराज की दीवारें भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों से संवाद करेंगी. इस शहर की पहचान धर्म ,अध्यात्म और संस्कृति को विभिन्न प्रतीकों के माध्यम से शहर की दीवारों पर चित्रित कर इसे धरातल पर उतारा जाएगा. पीडीए के चीफ इंजीनियर आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि 10 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल में इन्हें चित्रित किया जाएगा.

बीएचयू के स्टूडेंट्स करेंगे सहयोग
इसके अलावा शहर के सभी चौराहों में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश देने वाले म्यूरल्स भी लगाए जाएंगे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स इसमें सहयोग करेंगे. शहर की सड़कों के किनारे बनी इमारतों की दीवारों पर बनी ये मनोहारी पेंटिंग्स कुंभ का वैभव और संस्कृति की अनुभूति कराएंगी. 

सजावटी और फूलदार पौधों की श्रृंखला से मिलेगा हरित स्वरूप
इस योजना में शहर की इमारतों की दीवारों और चौराहों को भव्य और नव्य स्वरूप देने के साथ हरित स्वरूप देने का भी प्रावधान है. पीडीए के चीफ इंजीनियर आशुतोष श्रीवास्तव के मुताबिक इसमें ग्रीन बेल्ट और हॉर्टिकल्चर का कार्य भी शामिल किया गया है. शहर के प्रमुख स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर फूलदार और सजावटी पौधे लगाए जाएंगे. 

किन चीजों से होगी सजावट
शहर की प्रमुख 38 सड़कों, 36 जंक्शनों और  सार्वजनिक स्थानों पर ये सजावटी और फूलदार पौधे लगाए जाएंगे. इसके अलावा थीमेटिक लाइट्स, स्पाइरल लाइट और फसाड लाइट भी लगनी है. शहर की प्रमुख सड़के, सभी 9 फ्लाईओवर, 4 पुलों और 50 पर्यटक स्थलों को इनसे सजाया जाएगा. 

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