Swami Dayanand Saraswati Biography: स्वामी दयानन्द सरस्वती ने हरिद्वार कुंभ में पाखंड खंडिनी पताका फहराई. प्रकांड विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ किया. वो कलकत्ता में बाबू केशव चंद्र सेन और देवेंद्र नाथ ठाकुर के सान्निध्य में आए. और प्रचार प्रसार के लिए हिंदी में लिखना पढ़ना शुरू किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आर्य समाज की स्थापना
महर्षि दयानन्द ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सन 1875) को मुंबई के गिरगांव में आर्यसमाज की स्थापना की.  उन्होंने हिन्दू धर्म में व्याप्त तमाम कुरीतियों के खिलाफ आर्यसमाज की स्थापना की.


वाकया 1867 के हरिद्वार कुंभ मेले का है. कुंभ मेले में लाखों करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे थे. स्वामी दयानंद सरस्वती भी वहां पहुंचे थे. वहां उन्होंने पंडों को मोक्ष के नाम पर, पूर्वजों के नाम पर तीर्थयात्रियों से पैसे लेते देखा. धर्म के उपदेश की जगह पाखंड को देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ. उन्होंने पाखंड और धार्मिक कुरीतियों के खिलाफ शंखनाद किया. दयानंद सरस्वती ने वहां संगम किनारे ही पाखंड खंडिनी पताका की ध्वजा गाड़ दी. वो स्वतंत्र तौर पर अपने विचारों का प्रचार करने लगे. मूर्ति पूजा, श्राद्ध, अवतारों और पुराणों को लेकर दयानंद सरस्वती ने बिना किसी भय के खुलकर अपने विचार रखे. कुछ धर्मगुरुओं ने उन्हें नास्तिक बताया तो कुछ ने उन्हें अपशब्द कहे. लेकिन जो भी साधु संन्यासी उनसे शास्त्रार्थ करने आया वो परास्त हो गया. उन्होंने कहा कि हर की पैड़ी में स्नान से पाप नहीं धुलते. वेदों में सत्य है. धार्मिक ग्रंथों की अच्छी बातों औस सत्संग ही सच्चा तीर्थ है. उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नाम के अपने ग्रंथ की बातें भी रखीं.


हत्या की साजिश
स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1863 में गुरु विरजानंद के पास अध्ययन किया. वहां 20 वर्षों में दयानंद सरस्वती की हत्या के करीब 44 प्रयास किए गए. कई 17 बार जहर देकर जान लेने की कोशिश की. लेकिन फिर भी सारे प्रयास विफल हुए. 30 अक्टूबर 1883 को उनका निधन हुआ.


कुरीतियों का खुलकर विरोध


जातिवाद
छुआछूत
बाल विवाह
बहुविवाह
सती प्रथा
मृतक श्राद्ध
पशु बलि
नर बलि
पर्दा प्रथा
देवदासी प्रथा
वेश्यावृत्ति
शवों को दफनाना या नदी में बहाना
मृत बच्चों को दफनाना
समुद्र यात्रा का निषेध का खंडन


समाज सुधार के कार्य
कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था का समर्थन
शुद्धि आंदोलन
दलित उद्धार
विधवा विवाह
अंतरजातीय विवाह
सर्व शिक्षा अभियान
नारी सशक्तीकरण
नारी शिक्षा का अधिकार
सबको वेद पढ़ने का अधिकार
गुरुकुल शिक्षा
हिन्दू अनाथालय की स्थापना
गौशाला की स्थापना
स्वदेशी आन्दोलन
हिंदी भाषा का समर्थन