कुशीनगर हादसा: ड्राइवर ने नहीं लगाया होता ईयरफोन, तो शायद बच जाती 13 मासूमों की जान
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस में बच्चे रुकने के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन चालक ने उनकी भी आवाज नहीं सुनी.
नई दिल्ली/कुशीनगर: कुशीनगर में हुए दर्दनाक हादसे की बड़ी वजह स्कूल बस की लापरवाही बनी. बताया जा रहा है कि वैन ड्राइवर ने वैन चलाते समय ईयरफोन लगा रखा था. उसके ट्रेन का हॉर्न नहीं सुना और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर बस को निकालने लगा. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ड्राइवर ने ट्रेन को आते हुए देख लिया था, लेकिन फिर भी वो नहीं रुका. ड्राइवर की बड़ी लापरवाही के वजह से 13 बच्चों की जान चली गई. इस हादसे में वैन ड्राइवर की मौत हो गई है, जबकि चार बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं. हादसे में सभी घायल बच्चों को गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है.
वैन रोकने के लिए चला चिल्ला रहे थे बच्चे
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस में बच्चे रुकने के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन चालक ने उनकी भी आवाज नहीं सुनी. इस दर्दनाक घटना के बच्चों के घरों में कोहराम मच गया. घटना तब हुई जब स्कूली बच्चों से भरी वैन फाटकविहीन रेलवे क्रासिंग पार कर रही थी और तभी ट्रेन आ गई.
ड्राइवर को रोका पर वो रुका नहीं: प्रत्यक्षदर्शी
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद हुसैन ने ज़ी न्यूज को बताया कि मौके पर एक बाइक सवार भी मौजूद था. ट्रेन का हॉर्न सुनकर वो रुका, लेकिन ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी और क्रासिंग पार करने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वैन 50 मीटर दूर जाकर गिरी और उसके वैन के परखच्चे उड़ गए.
हादसे की वजह बनी ड्राइवर की लापरवाही: रेलवे
रेलवे के मुताबिक शुरुआती जांच में वैन ड्राइवर की लापरवाही सामने आ रही है. रेलले के एडिशनल पीआरओ वेद प्रकाश ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वैन ड्राइवर की गलती की वजह से ये हादसा हुआ है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार ड्राइवर को वहां रुकना चाहिए था. लेकिन जल्दबाजी के चक्कर में उसने ट्रैक क्रॉस करने की कोशिश की और हादसा हो गया. मामले में रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं.