Tikunia Incident Update: लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के कांड में सभी को जमानत, पूर्व मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा भी हैं आरोपी
Tikunia Incident Update: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड के 12 अभियुक्तों को नियमित जमानत मिल गई है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंकित दास समेत 12 अभियुक्तों की जमानत याचिका मंजूर की है. हालांकि, अगर ये अभियुक्त ट्रायल में सहयोग नहीं करेंगे तो उनकी जमानत निरस्त हो जाएगी. पढ़िए
Tikunia Incident Update: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड के 12 अभियुक्तों की जमानत याचिका मंजूर हो गई है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंकित दास समेत 12 अभियुक्तों को नियमित जमानत दी है. इन अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर ये ट्रायल में सहयोग नहीं करते हैं तो यह उनके जमानत को निरस्त करने का आधार होगा. यह फैसला न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए लिया है. जिन्हें नियमित जमानत मिली है, उनमें अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, धर्मेंद्र सिंह बंजारा ,आशीष पांडे ,रिंकू राणा ,उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, मनीष शर्मा, लव कुश ,सुमित जायसवाल, शिशुपाल का नाम शामिल है.
क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल, अक्टूबर 2021 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर विरोध प्रदर्शन कर रहे चार लोगों व एक पत्रकार पर थार गाड़ी चलवा कर जान से करने का आरोप लगा था. ये भी आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने आशीष मिश्रा के ड्राइवर समय तीन लोगों की जान ले ली थी. घटना में आठ लोगों की जान गई थी. विवेचना के दौरान जिन आरोपियों के नाम प्रकाश में आए उन्हें जेल भेजा गया था. आरोपियों की ओर से दलील दी गई कि मामले में कुल 114 गवाह है, जबकि अभी तक सिर्फ सात गवाहों के बयान ट्रायल कोर्ट में दर्ज किए गए हैं.
आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
जुलाई 2024 में घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार और वादी के अधिवक्ताओं ने विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पारित अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि मामले का ट्रायल पूरा होने में अभी वक्त लग सकता है, मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गया है और अंतरिम जमानत के दौरान अभियुक्तों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली. लिहाजा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत याचिकाएं मंजूर की.
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