Bahraich News: बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस में बवाल की साजिश क्या पहले से प्लान की गई थी? चश्मदीदों की मानें तो जहां डीजे विवाद हुआ वहां पहले से उपद्रव और आगजनी की तैयारी थी. उपद्रव के दौरान इस्लामिक झंडे लहराए गए और भगवा झंडे को तोड़ा गया. उपद्रव के दौरान कांच की बोतल और कैरेट मस्जिद और कई घरों की छत पर रखी गई थीं. ज्यादातर घरों के बाहर पत्थर इकट्ठा किया गया. साथ ही नजदीकी मस्जिदों से भी भड़काऊ ऐलान किया गया.


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चश्मदीदों का क्या कहना?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों तरफ से गलियों से जुलूस को घेरा गया ताकि भीड़ बीच मे फंस जाए. मूर्ति  विसर्जन के जुलूस में डीजे वाली गाड़ी को तोड़ा गया. उपद्रवियों ने मूर्ति को खंडित कर दिया और गाड़ी भी तोड़ दी. कई राउंड फायरिंग की गई और तलवार जैसे हथियार का भी प्रयोग किया गया. सभी ने बताया है कि पहले से मारने की प्लानिंग थी. उनके पास पत्थर और हथियार तैयार थे.


मूर्ति विसर्जन जुलूस पर हुई छतों से पत्थरबाजी
घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महसी तहसील की प्रतिमा शांति पूर्वक विसर्जन के लिए जा रही थी. महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर दूसरे पक्ष ने गाली गलौच शुरू कर दी. मूर्ति के साथ चल रहे लोगों ने जब इसका विरोध किया तो छतों से पत्थरबाजी कर दी. जिसमें मां दुर्गा का हाथ खंडित हो गया. जिसके बाद विसर्जन रोक कर लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. आरोप है कि इस दौरान मौजूद हजारों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरू कर दिया. जिससे मौके पर भगदड़ मच गई.


डीजे पर गाने को लेकर हुआ विवाद
बहराइच जिले के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे पर बज रहे गाने को लेकर विवाद हो गया. गाने के विरोध में दूसरे समुदाय के युवकों ने गाली-गलौज की और छत से पत्थरबाजी कर दी. बताया जाता है कि पत्थर चलने से मां दुर्गा की प्रतिमा खंडित हो गई. जिससे दूसरे समुदाय ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. आरोप है कि प्रदर्शन दौरान दूसरे समुदाय के लोग एक युवक को घर के अंदर पकड़ ले गए और गोली मार दी. जिससे रेहुवा मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई.


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