लालकृष्ण आडवाणी की फिर तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती
Lal Krishna Advani Admitted Hospital: पिछले चार से पांच महीने में चौथी बार बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ गई है. दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
Lal Krishna Advani Admitted Hospital: लालकृष्ण आडवाणी की एक बार फिर से तबीयत बिगड़ गई है. बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लालकृष्ण आडवाणी को पिछले 4 से 5 महीनों में चौथी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले अगस्त महीने में तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तीन जुलाई को भी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. 26 जून को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. उस समय उनकी एक सर्जरी भी हुई थी. अगले ही दिन उन्हें घर भेज दिया गया था. अब एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई है.
14 साल की उम्र में संघ से जुड़े
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था. लालकृष्ण आडवाणी 1941 में 14 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. लालकृष्ण आडवाणी ने हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है. इसके बाद आडवाणी ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की. वह कराची शाखा के प्रचारक भी रहे. उन्होंने वहां पर कई शाखाएं विकसित कीं. विभाजन के बाद लालकृष्ण आडवाणी को राजस्थान में मत्स्य-अलवर का प्रचारक बना दिया गया.
जनसंघ से कैसे बीजेपी तक का सफर
उन्होंने 1952 तक अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों में काम किया. इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी आरएसएस के सहयोग से श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित भारतीय जनसंघ से जुड़ गए. 1973 में लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन होने के बाद वह बीजेपी से जुड़ गए. बीजेपी सरकार में वह दो बार केंद्रीय गृह मंत्री रहे. इसके बाद 2002 में वह उप प्रधानमंत्री भी बने. 2009 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े. पार्टी के हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि 3 फरवरी, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घोषणा की कि आडवाणी को प्रतिष्ठित भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
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