मुरादनगर घटना के बाद से इस गांव के लोगों में खौफ, श्मशान घाट की जगह बाहर करते हैं दाह संस्कार
ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने की वजह से तैयार होने के कुछ समय बाद ही श्मशान घाट की बीम झुक गई और जगह-जगह क्रैक आना शुरू हो गए.
अमित सोनी/ललितपुर: पिछले दिनों मुरादनगर में हुई श्मशान घाट घटना के बाद से बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में एक गांव के लोग खौफ में आ गए हैं. अब गांव में किसी की भी मौत होने पर ग्रामीण अपने गांव में बने श्मशान घाट पर जाने से डरने लगे हैं. वे परिजन का दाह संस्कार श्मशान घाट के बाहर ही कर देते हैं. इसकी वजह यह है कि 2 साल पहले बना श्मशान घाट जर्जर हो गया है और उसकी मरम्मत नहीं की जा रही. अब ग्रामीणों में यह खौफ है कि कहीं उनके साथ भी कोई दर्दनाक हादसा न हो जाए. वे चिंतित हैं कि कहीं अंतिम संस्कार के दौरान मुरादनगर की तरह यह श्मशान घाट भी गिर गया, तो कई लोगों की जान जा सकती है.
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निर्माण होने के कुछ समय बाद ही झुक गई थी बीम
मामला ललितपुर जिले के विकासखंड स्थित बरौदा डांग ग्राम का है. यहां साल 2018 में गांव के बाहर ग्राम पंचायत ने करीब 13 लाख रुपये की लागत से एक श्मशान घाट बनवाया था. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने की वजह से वह जर्जर हो गया है. तैयार होने के कुछ समय बाद ही उसकी बीम झुक गई और जगह-जगह क्रैक आना शुरू हो गए. इस वजह से ग्रामीणों में डर बना रहता है. लेकिन मुरादनगर घटना के बाद उनका खौफ और बढ़ गया है. ऐसे में अब कोई भी अंदर नहीं जाना चाहता.
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क्या थी मुरादनगर घटना?
3 जनवरी को मुरादनगर में रहने वाले फल विक्रेता जयराम की मौत हो गई थी. जयराम के परिजन और उनके जानकार मुरादनगर के श्मशान घाट में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे. अंतिम संस्कार के बाद जब बारिश होने लगी, तो लोग बचने के लिए सभी लोग एक निर्माणाधीन भवन के नीचे खड़े हो गए. उसी दौरान भवन का लेंटर भरभरा कर गिर गया. इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई. इस हादसे का मुख्यारोपी कॉन्ट्रैक्टर अजय त्यागी अब पुलिस की गिरफ्त में है.
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