देहरादून: उत्तराखंड में अब बुजुर्ग नागरिक को प्रताड़ित करने वालों की खैर नहीं होगी. राज्य सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अगर कोई व्यक्ति बुजुर्ग नागरिकों को प्रताड़ित करता है या उनकी देखभाल नहीं करता है, ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बुजुर्ग की तरफ से हस्तान्तरित संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी. सरकार ने यह फैसला राज्य में बुजुर्गों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए लिया है.


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शनिवार को अपराध एवं कानून व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को संरक्षित किये जाने के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बुढ़ापे में संपत्ति हस्तान्तरित हो जाने के बाद संबंधित परिजन बुजुर्गों का शोषण करते हैं और उन पर ध्यान नहीं देते हैं. जिसकी वजह से बुजुर्ग आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं या फिर घर छोड़ देते हैं.


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जारी आदेश के मुताबिक अगर कोई परिजन बुजुर्गों की देख-रेख नहीं करता है या फिर उनका शोषण करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार की "वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम, 2007" के तहत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसे व्यक्तियों को जेल भेजा जा सकता है या फिर संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.