ललित मोहन भट्ट/चंपावत: उत्तराखंड बीजेपी में नाराजगी का दौर जारी है, अपनी ही सरकार से खफा विधायकों की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है. अब लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं. पूरन सिंह के मुताबिक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वो हर दरबार में शिकायत कर चुके हैं लकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.


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फर्त्याल बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिख चुके हैं पत्र
भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने टनकपुर-जौलजीबी रोड के मामले में ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी के पक्ष में आए आर्बिटेशन के फैसले के खिलाफ अपील न किए जाने पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि वो मुख्यमंत्री से 10 बार मिल चुके हैं, मगर अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखा है. उन्होंने कहा, ''सरकार भले ही अपने विश्वास और जीरो टॉरलेंस की छवि को खत्म कर दे, मगर वे अपनी छवि खराब नहीं कर सकते हैं. सरकार के कृत्य को लेकर जनता जो सवाल दाग रही है, उनके जवाब देना मुश्किल हो रहा है.'' विधायक ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने और उसके खिलाफ न्यायालय में अपील किए जाने की मांग की है.


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ठेकेदार के पक्ष में आए फैसले से खफा हैं फर्त्याल
टनकपुर-जौलजीबी सड़क को लेकर करीब तीन माह पूर्व आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने ठेकेदार के पक्ष में निर्णय दे दिया था. विधायक फर्त्याल ने सीएम को पत्र भेज आर्बिट्रेशन के फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करने की मांग उठाई थी, मगर सरकार ने सामरिक महत्व का हवाला देते हुए कोर्ट जाने से इनकार कर दिया था. साथ ही कुछ शर्तों के साथ पुराने ठेकेदार को ही सड़क निर्माण का जिम्मा दे दिया था. तबसे विधायक फर्त्याल सरकार से बेहद खफा हैं. वह कई बार सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं.


बिशन सिंह चुफाल भी अफसरशाही की मनमानी से परेशान
पूरन सिंह फर्त्याल की ही तरह बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल भी अपना दुखड़ा सीएम त्रिवेंद्र सिंह के सामने रो चुके हैं. लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. डीडीहाट सीट से विधायक बिशन सिंह चुफाल अफसरशाही की मनमानी से परेशान हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों के द्वारा काम न किए जाने का असर सीधा जनप्रतिनिधियों पर पड़ रहा है.


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विपक्ष बिछा रहा अपनी सियासी बिसात
उधर, सत्ता पक्ष के विधायकों की शिकायतों को आधार बनाकर विपक्ष अपनी सियासी बिसात बिछा रहा है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने तो इसे बीजेपी की बगावत करार देते हुए मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि सरकारी सिस्टम के फेल होने की वजह से राज्य की ब्यूरोक्रेसी निरंकुश हो चुकी है. जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है. जनता की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा.


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