अखिलेश का यादवों से मोहभंग, यूपी में 20 फीसदी यादव आबादी के दो तिहाई टिकट काट दिए
UP Lok sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी का गठन करने के बाद मुलायम सिंह ने सैफई परिवार को राजनीति में लाने का काम किया. इसके लिए उन्होंने खुद ही सियासी जमीन तैयार की थी. इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी का यूपी में नया प्रयोग देखने को मिला है. पार्टी ने किसी भी बाहरी यादव को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है.
UP Lok sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी पिछड़ों और खासकर यादव बिरादरी को अपना मजूबत वोट बैंक मानती आ रही है, लेकिन जब बात यादवों को टिकट देने की आती है तो यादव परिवार के मुखिया अखिलेश यादव को अपने परिवार के अलावा कोई बाहरी यादव नजर नहीं आता. कह सकते हैं सपा लोकसभा चुनाव में सपा यादवों को टिकट देने के मामले में शून्य पर खड़ा है. लोकसभा चुनाव में पहली बार समाजवादी पार्टी ने परिवार के बाहर के किसी यादव को उम्मीदवार नहीं बनाया है. जिन पांच यादवों को मैदान में उतारा है, वे सभी अखिलेश के कुनबे से ही आते हैं. ऐसा मुलायम सिंह यादव के समय में नहीं होता था.
मुलायम सिंह की नीति थी काफी अलग
यादव राजनीति के भरोसे शिखर पर पहुंचे मुलायम सिंह की नीति से यह काफी अलग है. वह हर लोकसभा चुनाव में अपने परिवार के अलावा बाहरी यादवों को भी उतारते थें. मुलायम हर लोकसभा चुनाव में तीन से चार सीटों पर परिवार के अलावा भी यादवों को उतारते रहे हैं. मुलायम सिंह यादव राजनीति के भरोसे ही शिखर पर पहुंचे थे. कह सकते हैं कि अखिलेश की ये नीति उनसे जुदा है.करीब 19.40 फीसदी हिस्सेदारी वाले यादव वोट बैंक पर अखिलेश के इस प्रयोग की परीक्षा होगी.
कितनी सीटों पर सपा लड़ रही चुनाव
समाजवादी पार्टी इस लोकसभा में 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी अब तक 59 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. कन्नौज से अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल, आजमगढ़ में धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव और बदायूं से आदित्य यादव चुनावी मैदान में हैं.
बीजेपी यादव वोट बैंक को पाले में करने की कोशिश
बात करें सैफई परिवार की तो क्षत्रप अपनी ही सीट पर उलझे हुए हैं. बाकी सीटों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. बीजेपी पहले से ही सैफई परिवार को घरेने और यादव वोटबैंक को अपने पाले में करने के लिए हर कोशिश कर रही है.
साल 2019 में 11 यादवों को लोकसभा टिकट
बात करें साल जब 1999 में पहली बार मुलायम सिंह सांसद बने थे. मुलायम 7 बार सांसद रहे, जबकि अखिलेश ने साल 2000 में लोकसभा के उपचुनाव से अपनी सियासी पारी शुरू की थी. सपा ने साल 2014 में 13 यादव उम्मीदवारों को टिकट दिया था. इनमें मुलायम सिंह यादव समेत पांच लोग विजेता रहे. वर्ष 2019 में सपा ने 11 यादवों को टिकट दिया. इन 11 सीटों में से पांच सीटें मिलीं. इसमें मुलायम और अखिलेश जीते और कई हार गए. मुलायम ने सिर्फ अपने बेटे-भाई को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया बल्कि भतीजे और बहू को सियासत में लाने का काम किया.
लोकसभा 2024 में परिवार के पांच लोगों को टिकट
सपा ने सैफई परिवार के पांच लोगों को टिकट दिया है. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सपा ने 8.47 प्रतिशत टिकट दिया है, जबकि बीएसपी ने अब तक घोषित टिकट के अनुसार 9.30 फीसदी टिकट यादवों को दिया है. बीजेपी ने चुनावी मैदान में बस एक यादव को उतारा है. ऐसे में यादव समाज को अपनी हिस्सेदारी के लिए नई रणनीति अपनानी होगी.
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