Ayodhya Lok Sabha Seat: साल 2024 की शुरुआत में ही 22 जनवरी को अयोध्‍या में रामलला विराजमान किए गए. रामलला के विराजमान होते ही अयोध्‍या में विकास के पंख लग गए. एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्‍टेशन तक अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस किए जा रहे हैं. आश्‍चर्य की बात यह है कि साल 1971 से अब तक अयोध्‍या (तब फैजाबाद) लोकसभा सीट पर किसी पार्टी ने महिला को उम्‍मीदवार नहीं बनाया. जबकि देश की पहली महिला मुख्‍यमंत्री सुचेता कृपलानी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं.  


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1971 के बाद कोई महिला प्रत्‍याशी नहीं 
जानकारी के मुताबिक, 1971 से अबतक देश के बड़े राजनीतिक दलों ने आज तक इस सीट पर किसी महिला प्रत्याशी को नहीं उतारा. आज तक जो कोई भी महिला यहां से चुनाव लड़ी, वह सभी निर्दलीय ही रहीं. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री सुचित्रा कृपलानी 1971 में फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. इसके पीछे की स्‍पष्‍ट वजह तो नहीं पता हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि इस सीट से कोई भी महिला प्रत्‍याशी चुनाव जीत नहीं पाई. 


9 बार के सपा विधायक से बीजेपी प्रत्‍याशी का मुकाबला 
वर्तमान में यहां से बीजेपी से लल्‍लू सिंह सांसद हैं. यूपी सरकार ने अयोध्या को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है. आज यहां नए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, नए रोड और कई दूसरी परियोजनाएं जमीन पर उतारी जा चुकी हैं. अब यह मंदिर इस शहर के लिए केंद्र बिंदु बन चुका है. यहां भक्तों की भीड़ उमड़ रही है, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी. बीजेपी ने तीन बार के सांसद लल्‍लू सिंह को इस बार भी अपना प्रत्‍याशी बनाया है. वहीं, सपा ने अवधेश प्रसाद को प्रत्‍याशी बनाया है. वह 9 बार विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में मिल्‍कीपुर विधानसभा से विधायक हैं. 


पिछले चुनाव के परिणाम 
बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या लोकसभा सीट पर कुल 1821785 मतदाता थे. बीजेपी प्रत्याशी लल्‍लू सिंह को 529021 वोट मिले थे. वहीं, सपा उम्मीदवार आनंद सेन को 463544 वोट मिले थे. यहां से सपा विधायक अभय सिंह ने पिछले दिनों ही बीजेपी का दामन थाम लिया. अभय सिंह के ज्‍वॉइन करने से भाजपा यहां और मजबूत हो गई है. अयोध्या में 20 मई को मतदान डाले जाएंगे. 


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