Lok Sabha Chunav 2024: BJP ने बांसगांव से कमलेश पासवान पर जताया भरोसा, क्या पार्टी कायम रखेगी बादशाहत?
Bansgaon Lok Sabha Chunav 2024: बांसगांव सीट को दूसरे लोकसभा चुनाव से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया. 2008 के परिसीमन में सबको लगा कि सीट अनारक्षित हो जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बांसगांव से बीजेपी ने कमलेश पासवान पर विश्वास जताया है और यहां की उम्मीदवारी दी है.
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद यानी गोरखपुर की दो लोकसभा सीट में से एक बांसगांव भी आने वाले लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाला है. यहां से बीजेपी के टिकट पर 2019 में आम चुनाव जीतने वाले कमलेश पासवान फिलहाल सांसद हैं और उनसे जुड़ी खास बात ये है कि इस सीट पर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई हुई है और चौथी बार की जीत के लिए तैयारी कर रहे हैं. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी, बसपा व कांग्रेस के साथ ही सभी छोटी बड़ी विपक्षी पार्टी इस सीट पर बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के लिए अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं. इस सीट को सीएम योगी के गढ़ की एक अहम सीट के रूप में देखा जा सकता है. बांसगांव से बीजेपी ने कमलेश पासवान पर विश्वास जताया है और यहां की उम्मीदवारी दी है.
इस सीट को दूसरे लोकसभा चुनाव से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया. 2008 के परिसीमन में सबको लगा कि सीट अनारक्षित हो जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. साल 2019 के चुनाव की बात करें तो कमलेश के सामने सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार बसपा के सदल प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा था. तब कांग्रेस के उम्मीदवार कुश सौरभ थे जिनका पर्चा खारिज कर दिया गया था.
बांसगांव सीट से सांसद की लिस्ट
आजादी के बाद हुए चुनावों में काफी समय तक कांग्रेस इस सीट से एकतरफा जीतती रही. आइए इसकी एक पूरी लिस्ट देख लेते हैं-
पहली बार हुए आम चुनाव में यानी 1957 में कांग्रेस के दिग्गज महादेव प्रसाद की जीत हुई.
1962 में भी यहां से महादेव प्रसाद ने जीत हासिल की थी.
चार बार बांसगांव से सांसद कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल महावीर प्रसाद रहे हैं.
महावीर प्रसाद इस सीट से लगातार 1980, 1984 व 1989 में जीतकर संसद गए. कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे और बाद में हरियाणा के राज्यपाल का पद भी पा सके.
संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की उम्मीदवारी करते हुए साल 1967 में मोहलु प्रसाद ने जीत हालिस की थी.
साल 1971 में इस सीट पर कांग्रेस के राम सूरत प्रसाद ने एक बार अपनी पार्टी के लिए जीत हासिल की.
साल 1977 में इमरजेंसी के बाद के लोकसभी चुनाव में विशारद फिरंगी प्रसाद विजयी हुए तब वो भारतीय लोकदल के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे.
यहां 1991 में पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की तब राज नारायण पासी विजयी हुए थे.
मौजूदा बीजेपी सांसद कमलेश पासवान की माता सुभावती पासवान ने साल 1996 में यहां से सांसदी जीती थी.
साल 1998 और 1999 के चुनाव में राज नारायण पासी ने फिर से बतौर बीजेपी उम्मीदवार अपनी जीत दर्ज की.
साल 2004 के चुनाव में महावीर प्रसाद फिर जीत गए और कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर यहां से जीते.
साल 2009, 2014 व 2019 में बीजेपी उम्मीदवार के कमलेश पासवान लगातार तीन बार से जीत रहे हैं.
विधानसभा सीटों की स्थिति
बांसगांव लोकसभा सीट के अतर्गत कुल पांच विधानसभा सीट है-
इनमें गोरखपुर की चिल्लूपार
बांसगांव सीट
चौरीचौरा सीट
देवरिया की रुद्रपुर सीट
बरहज सीट
साल 2022 हुए यूपी विधानसभा चुनाव में डॉ. विमलेश ने बीजेपी उम्मीदवारी के साथ अपनी जीत हासिल की. डॉ. विमलेश बांसगांव सीट से सांसद कमलेश पासवान के भाई है. चिल्लूपार विधानसभा सीट से बीजेपी के ही राजेश त्रिपाठी, चौरी चौरा से बीजेपी के ही सरवन कुमार निषाद जीते, बरहज से बीजेपी के दीपक मिश्रा की जीत हुई और रुद्रपुर से बीजेपी के जयप्रकाश निषाद ने जीत हासिल कर ली थी.
बांसगांव सीट के जातीय समीकरण
बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सबसे ज्यादा मतदाता हैं. अनुमान है कि करीब 8.34 लाख ओबीसी वोटर हैं और 2.50 लाख अनुसूचित जाति के वोटर हैं. सवर्ण मतदाताओं की तादाद भी करीब करीब पांच लाख के करीब है. करीब डेढ़ लाख मुस्लिम वोटर्स हैं.
बांसगांव लोकसभा सीट यूपी के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. फिलहाल, 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
वोटर की संख्या
7,89,759 पुरुष वोटर की संख्या
9,61,412 महिला वोटर की संख्या
87 थर्ड जेंडर वोटर की संख्या
2019 का हाल
2019 में कुल वोटरों की संख्या- 9,69,136
इनमें से कुल वोटरों की संख्या- 4,82,600
महिला वोटरों की संख्या- 4,82,462
2019 में कुल वोटिंग प्रतिशत- 55.34%
2019 के चुनाव की स्थिति
बांसगांव संसदीय सीट पर 2019 में केवल चार उम्मीदवार थे. जीत का आंकड़ा कुछ ऐसा रहा कि बीजेपी उम्मीदवार कमलेश पासवान ने बसपा के सदल प्रसाद को 1,53468 वोट से मात दी. पासवान को कुल 5,46,673 वोट हासिल हुए व सदल प्रसाद को 3,93,205 वोट पा सके. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के उम्मीदवार थे सुरेंद्र प्रसाद जिनको केवल 8,717 वोट हासिल हो सके. निर्दलीय लालचंद प्रसाद को भी केवल 6,448 वोट ही मिल पाए थे.
2014 के चुनाव की स्थिति
बांसगांव संसदीय सीट पर साल 2014 के चुनाव की स्थिति की बात करें तो बीजेपी उम्मीदवार कमलेश पासवान ही इस चुनाव में विजयी रहे. कुल 4,17,959 वोट इस चुनाव में उन्हें मिली. बीएसपी के प्रत्याशी सदल प्रसाद को इस चुनाव में केवल 2,28,443 वोट ही मिल पाए थे. वहीं सपा के गोरख प्रसाद पासवान को केवल 1,33,675 वोट मिले थे.