Raebareli Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने रायबरेली से दिग्गज मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस की ओर से आखिरी वक्त तक उम्मीदवार घोषित न करने के बीच भाजपा ने अपने प्रत्याशी का ऐलान किया है. रायबरेली लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी से टक्कर के आसार दिख रहे हैं. दिनेश प्रताप सिंह का रायबरेली क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है, वो ठाकुर समुदाय से आते हैं. भाजपा ने एक और क्षत्रिय को टिकट देकर इस समुदाय की नाराजगी दूर करने की कोशिश भी की है. पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट देने की घोषणा की है. 


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दिनेश प्रताप सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और सोनिया गांधी परिवार के काफी करीबी भी माने जाते रहे हैं. वो दो बार विधानपरिषद सदस्य कांग्रेस से चुने गए. जबकि तीसरी बार भाजपा ने उन्हें विधानसभा में भेजा. उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का दर्जा दिया गया. सोनिया गांधी के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह ही मैदान में थे औऱ सोनिया को काफी कम वोटों से जीतने दिया था. 


दिनेश प्रताप सिंह के परिवार में कई लोग विधायक, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. हालांकि हरचंदपुर विधानसभा सीट से उनके भाई की हार के बाद उन्हें झटका लगा था. 


भाजपा ने सधी रणनीति के तहत दोनों सीटों से क्षत्रिय समुदाय के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. दिनेश प्रताप सिंह के साथ अगर बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटा जाता तो इस समुदाय की नाराजगी और बढ़ सकती थी. भाजपा ने अमेठी वाली रणनीति को इस बार रायबरेली में दोहराया है. जिस तरह अमेठी में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद स्मृति ईरानी को दोबारा 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाया गया और कांग्रेस का बड़ा किला ढहाया गया. वही रणनीति इस बार रायबरेली में अपनाई गई है, ताकि कांग्रेस के यूपी में आखिरी गढ़ को भी ध्वस्त किया जा सके. 


इससे पहले मैनपुरी लोकसभा सीट से बीजेपी ने मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है. जबकि पीलीभीत लोकसभा सीट से लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया गया है. हाथरस लोकसभा सीट से बीजेपी ने अनूप बाल्मीकि को टिकट दिया है, जो योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं. 


हालांकि कैसरगंज सीट पर टिकट की घोषणा में बीजेपी ने करीब एक महीने से भी ज्यादा लंबा वक्त लिया. इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देने से पार्टी मना कर सकती है. लेकिन गोंडा से लेकर अयोध्या तक दबदबा रखने वाले बृजभूषण शरण सिंह को पार्टी पूरी तरह दरकिनार नहीं कर सकी. ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए उनके बेटे को टिकट दिया गया. 


करण भूषण सिंह कौन हैं
करण भूषण सिंह बृजभूषण के छोटे बेटे हैं, जबकि बड़े बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर सीट से 2 बार से विधायक चुनते जाते आ रहे हैं. करण को लगातार उनके पिता के चुनाव प्रचार में देखा गया है. करण भूषण सिंह भारतीय कुश्ती संघ की यूपी शाखा के अध्यक्ष हैं. करण भूषण 2018 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी चुने गए थे. करण डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल प्लेयर रहे हैं. गोंडा में प्रारंभिक पढ़ाई के बाद करण ने ऑस्ट्रेलिया से बीबीए किया था.


कौन हैं करण भूषण सिंह, जिन्हें कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिया टिकट


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