UP Lok Sabha Chunav 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस दौरे को बेहद खास माना जा रहा है. पीएम मोदी ने यहां से कई विकास परियोजनाओं की सौगात देकर पूर्वांचल को साधने की कोशिश है. पीएम मोदी का 'मिशन 370' के साथ भाजपा यूपी की सभी 80 सीटों पर परचम लहराने की हुंकार भर रही है, इसके के लिए पूर्वांचल को जीतना बेहद जरूरी है. 


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पूर्वांचल की इन 27 सीटों को साधेगी बीजेपी
बीजपी का पूर्वांचल की जिन सीटों पर फोकस रहेगा, उनमें वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, प्रतापगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रयागराज, फूलपुर, गाजीपुर कौशांबी, बांसगांव, आजमगढ़, लालगंज, घोसी (मऊ), बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, देवरिया, सलेमपुर और महराजगंज और गोरखपुर की लोकसभा सीटें साधने की तैयारी है. 


2014 में 25 सीटों पर लहराया परचम 
पिछले रिकॉर्ड को देखें तो बीजेपी को यहां 2014 के लोकसभा चुनाव में  पूर्वांचल की 27 सीटों में से 25 पर जीत मिली थी जबकि दो सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा था. आजमगढ़ में सपा से मुलायम सिंह यादव अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. लेकिन 5 साल बाद जब सपा और बसपा गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़े तो बीजेपी को पूर्वांचल में नुकसान उठाना पड़ा था.  बीजेपी इस चुनाव में कोई गलती दोहराना नहीं चाहती है. 


2019 में जीतीं 22 सीटें
पूर्वांचल की 27 सीटों में से 22 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि अंबेडकर नगर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज सीट बसपा के खाते में है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इनमें से कई सांसद आगामी चुनाव से पहले पाला भी बदल सकते हैं. भाजपा की नजरें बदलते सियासी घटनाक्रम पर भी हैं. साथ ही इनमें से कई सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगा सकती है, साथ ही हारी हुई सीटों पर संगठन ज्यादा फोकस कर रहा है. 


क्यों खास है पूर्वांचल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से बीजेपी की कोशिश पिछड़ा, पसमांदा और दलित वोटरों को भी साधने पर हैं. पीएम मोदी ने एक तरफ संत रविदास जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण कर दलित वर्ग को साधने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, दूध बेचने वालों की लंबे समय चल रही मांग को पूरा कर बनास काशी डेयरी संकुल का लोकार्पण किया है. इससे पूर्वांचल के कई जिलों को फायदा होगा. चुनाव में भी बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है. 


पूर्वांचल की 27 लोकसभा सीटों पर निषाद, राजभर, मौर्य, कुर्मी, यादव सहित कई पिछड़ी जातियों का प्रभाव माना जाता है. दलित वर्ग में  कोरी, पासी, सोनकर, जाटव और कोल वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. साथ ही पूर्वांचल में पसमांदा मुस्लिम वोटर भी अच्छी संख्या में है. पीएम मोदी इस दौरे से इन सभी को साधने की कोशिश करेंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी को अगर मिशन 80 के टारगेट तक पहुंचना है तो अपने कोर वोटर  ब्राह्मण, ठाकुर, कायस्थ  के साथ दलित और पसमांदा का साथ जरूरी होगा. 


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