Modi 3.0 Cabinet: बदायूं जिले के बीजेपी नेता बीएल वर्मा को एक बार फिर मोदी 3.0 में मंत्री बनाया गया है. वह राज्य मंत्री बने हैं. बीएल वर्मा राज्यसभा के सदस्य हैं. वर्मा मोदी की पिछली सरकार में सहकारिता राज्यमंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे. उनको अमित शाह का करीबी माना जाता है और कल्याण सिंह के खास माने जाते थे. ऐसा माना जा रहा है कि लोधे वोटरों में पकड़ बनाए रखने के लिए इन्हें दोबारा मौका दिया गया है. 


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मंत्रिमंडल में दूसरी बार भी शामिल 
लोकसभा चुनाव में जिले की सीट हारने के बाद सांसद की कमी को पूरा करने के लिए राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में लगातार दूसरी बार भी शामिल कर लिया गया.


कभी रहे एलआईसी के एजेंट
बीएल वर्मा पहले एलआईसी के एजेंट हुआ करते थे. भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता के तौर पर भी काम करते रहे हैं. कल्याण सिंह के नजदीकी होने के चलते वह राजनीति में सक्रिय हो गए.संघ और बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने लंबे समय तक काम किया और सक्रिय रहे. कल्याण सिंह के निधन के बाद लोधी समाज के नेता के रूप में उनका कद बढ़ता ही चला गया.


1979 में संघ में शामिल
बीएल शर्मा ने साल 1979 में आरएसएस ज्वाइन किया. 1980 में बीजेपी की सदस्यता ली. 1984 में बीजेपी जिला युवा कमेटी के महामंत्री बने. साल 1990 के दशक में उन्हें प्रदेश मंत्री बनाया गया. साल 2016 में वह ब्रज के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने. 2018 में प्रदेश उपाध्यक्ष और सिडको के चेयरमेन दर्जा के राज्य मंत्री बनाए गए. 2019 में क्षेत्रीय संगठन मंत्री पद का दायित्व भी संभाला. 2012 में वर्मा को केंद्रीय मंत्री परिषद में जगह मिली थी.


बीएल वर्मा विधानसभा चुनाव में होंगे मददगार
लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है. इसलिए बीजेपी ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिये से भी समीकरण साधने की कोशिश अभी से शुरू कर दी है. अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेताओं में शामिल किए जाने वाले वर्मा लोधी समुदाय से आते हैं. बीएल वर्मा का लोधे वोटरों में अच्छी पकड़ है.  इसलिए बदायूं ही नहीं समूचे रुहेलखंड और पश्चिमी यूपी में भी इनका लाभ मिल सकता है.


कल्याण सिंह के साथ गए थे बीएल वर्मा
जब कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़ राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई थी तब यह उनके साथ चले गए थे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई थी. कल्याण सिंह के साथ ही उन्होंने बीजेपी में वापसी की थी. यहां इनको प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली.


बीजेपी के हाथ से गई बदायूं सीट
लोकसभा चुनाव में बदायूं सीट से डा.संघमित्रा मौर्य का टिकट कटा तो इनके चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर चली थीं, लेकिन बाद में क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को मैदान में उतारा गया. फिर भी यहां की सीट नहीं बची. लेकिन बीएल वर्मा के मंत्रिमंडल में शामिल हो जाने से सांसद की कमी महसूस नहीं होने पाएगी.


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