Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने की हुंकार भरी है. लेकिन बसपा की एकला चलो की राह आसान नहीं नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव में पार्टी के कई फैसलों  पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बसपा को चुनाव से ठीक पहले कई सीटों पर प्रत्याशी बदलने पड़े हैं, कई को बाहर का रास्ता दिखाया जबकि वाराणसी प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बाद भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. 


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क्यों उठ रहे सवाल?
बरेली लोकसभा सीट चुनाव लड़े बिना ही बसपा के हाथ से निकल गई. यहां से बसपा प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार का पर्चा खारिज हो गया. वहीं आवंला में भी जद्दोजहद के बाद पार्टी प्रत्याशी आबिद अली के नामांकन को हरी झंडी मिली.   दोनों ही मामलों में पार्टी ने जनरल कोऑर्डिनेटर से रिपोर्ट तलब की गई है. 


वाराणसी प्रत्याशी का चुनाव लड़ने से इनकार
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बसपा ने मुस्लिम चेहरे को मैदान में उतारा था लेकिन बसपा प्रत्याशी अतहर जमाल लारी ने टिकट मिलने के बाद भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद आनन फानन में पार्टी ने पूर्व सभासद सैयद नेयाज अली को टिकट दिया है. 


झांसी उम्मीदवार को किया बाहर
बसपा ने झांसी से राकेश कुमार कुशवाहा को टिकट दिया था. लेकिन अचानक पार्टी ने न केवल उनका टिकट काट दिया बल्कि पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखाया. कुछ ऐसी ही स्थित मैनपुरी में भी दिखाई दी. यहां पहले पार्टी ने गुलशन देव शाक्य को प्रत्याशी बनाया था लेकिन आखिरी समय में उनका टिकट काटकर यहां से शिव प्रसाद यादव को टिकट दिया गया. इसके बाद  गुलशन देव शाक्य पाला बदलकर सपा में चले गए. 


मथुरा-फिरोजाबाद में 
मथुरा लोकसभा सीट से बसपा ने  पहले कमलकांत उपमन्यु को प्रत्याशी बनाया था लेकिन पार्टी को इसे भी पलटना पड़ा. अब बसपा ने पूर्व IRS सुरेश सिंह को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. फिरोजाबाद जैसी महत्वपूर्ण सीट से भी ऐन वक्त पर बसपा प्रत्याशी बदल दिया गया. पार्टी ने फिरोजबाद से उम्मीदवार सतेन्द्र जैन सौली का भी टिकट काटते हुए चौधरी बशीर को प्रत्याशी बनाया है.


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