Amethi Raebareli Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस में दो पूर्व मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस ने भूपेश बघेल को रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव के पर्यवेक्षक बनाया गया है. 


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भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को कुशल रणनीतिकार माना जाता है. दोनों ही पिछड़ा वर्ग के बड़े नेताओं में से एक हैं. साथ ही उनके पास संगठन के साथ सरकार के नेता के तौर पर काम करने का भी बेहतर अनुभव है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं को स्थानीय स्तर पर पार्टी नेताओं को एकजुट करने, असंतुष्ट नेताओं को मनाने और चुनाव प्रचार को धार देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 


रायबरेली से स्वयं राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं और उन पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के आखिरी किले को बचाने की जिम्मेदारी है. जबकि अमेठी लोकसभा चुनाव में लंबे समय बाद कांग्रेस के गांधी परिवार को कोई सदस्य मैदान में नहीं है. बल्कि पार्टी के स्थानीय नेता किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है. किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार को अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. हालांकि अमेठी लोकसभा चुनाव 2019 में स्मृति ईरानी के हाथों राहुल गांधी की हार के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा. 


माना जा रहा था कि वायनाड लोकसभा सीट पर मतदान के बाद राहुल गांधी अमेठी से दोबारा ताल ठोकेंगे लेकिन उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट चुनी. रायबरेली से बीजेपी ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. जबकि अमेठी से स्मृति ईरानी लंबे समय से चुनाव प्रचार में ताकत झोंके हुए हैं. 


रायबरेली लोकसभा सीट की बात करें तो यहां की पांच विधानसभा सीटों में तीन समाजवादी पार्टी के कब्जे में हैं. जबकि दो सीटों पर भाजपा ने चुनाव जीता था. बछरावां, हरचंदपुर, सरेनी और ऊंचाहार विधानसभा सीटों पर सपा प्रत्याशी 2022 के विधानसभा चुनाव में जीते थे. जबकि एकमात्र रायबरेली सदर सीट पर बीजेपी की अदिति सिंह चुनाव जीती थीं.वहीं अमेठी में तिलोई, सलोन, जगदीशपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने चुनाव जीता था. जबकि गौरीगंज विधानसभा सीट औऱ अमेठी सीट पर सपा को जीत मिली थी. हालांकि राज्यसभा चुनाव के दौरान रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय बीजेपी के पाले में आ चुके हैं. जबकि अमेठी विधायक और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति भी सपा से बगावत कर चुकी हैं.