Etawah Lok Sabha Seat 2024: यादवपट्टी की सबसे अहम मानी जाने वाली इटावा संसदीय सीट आरक्षित होने के बाद भी कोई उम्मीदवार लगातार नहीं जीता है.साल 2009 में सामान्य से आरक्षित घोषित हुई  इस सीट पर पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. उसके बाद से यह तीसरा चुनाव है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव में इटावा लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने हर बार नए चेहरे को मौका दिया है. आजादी के बाद साल 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के तुला राम ने जीत दर्ज की थी. इस बार समाजवादी पार्टी ने जितेंद्र दोहरे,बीजेपी ने मौजूदा सांसद राम शंकर कठेरिया और बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व सांसद सारिका सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इस बार इटावा सीट की लड़ाई दिलचस्प नजर आ रही है.  आइए जानतें है इस सीट पर किसी पार्टी ने किस उम्मीदवार को जिताया है.


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बीजेपी-रामशंकर कठेरिया
रामशंकर कठेरिया की करें तो वह वर्तमान में सांसद हैं. राम शंकर कठेरिया भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं.रामशंकर कठेरिया आगरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर भी हैं, वह कम उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे. आगरा लोकसभा सीट से 2 बार सांसद चुने गए थे. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें इटावा से चुनावी मैदान में उतारा और वहां से रामशंकर तीसरी बार सांसद बने थे. उन्होंने नवंबर 2014 से जुलाई 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में काम किया. 


सपा-जितेंद्र दोहरे
बात समाजवादी पार्टी ने इस बार नए चेहरे पर दांव लगाया है. जितेंद्र दोहरे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वह अपनी पत्नी को इटावा जनपद के ब्लॉक महेवा का ब्लॉक प्रमुख बनवा चुके हैं.  इस बार सपा इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है.


बसपा -सारिका सिंह
बहुजन समाज पार्टी ने सारिका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. सारिका का राजनीति से नाता भी है. बसपा की सारिका सिंह बघेल का इटावा मायका है. उनके नाना घसीराम इटावा से 7 बार विधायक रह चुके हैं.  बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी सारिका सिंह बघेल पूर्व में लोकसभा चुनाव हाथरस से राष्ट्रीय लोकदल पार्टी की सांसद रह चुकी हैं.  यानी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का न सिर्फ अनुभव है, बल्कि वह जीत भी चुकी हैं.


इटावा लोकसभा सीट
इटावा लोकसभा सीट पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजेपी को 3-3 बार जीत मिली है. हालांकि पिछले 10 साल से इस सीट पर बीजेपी काबिज है और इस बार पार्टी के पास हैट्रिक लगाने का मौका है. 


2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
इटावा सुरक्षित सीट के साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी जीती थी.  बीजेपी के राम शंकर कठेरिया ने सपा के कमलेश कठेरिया को करीब 64 हजार वोटों के अंतर से हराया था. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अशोक कुमार दोहरे रहे थे.


जातीय समीकरण
इटावा सीट पर दलित वोटर्स की बहुलता है. इस सीट पर 4 लाख से ज्यादा दलित वोटर हैं.  इस सीट पर राजपूत वोटर्स की संख्या भी 1.5 लाख के करीब है. इसके अलावा लोधी, यादव और मुस्लिम वोटर 1-1 लाख हैं.


विधानसभा सीट
इटावा लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. औरेया जिले की दिबियापुर और औरैया विधानसभा सीट इसमें शामिल है. कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट भी इसमें शामिल है.


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