Fatehpur Sikri Loksabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 को उत्तर प्रदेश में सरगर्मियां तेज हैं. 13 मार्च के आस-पास चुनाव की तरीखों का ऐलान हो सकता है. ऐसे में यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी समेत सभी राजनैतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. देश की सियासत में कहा जाता है कि केंद्र में सत्ता की कुर्सी का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. ये संख्या किसी भी दल की गणित बनाने-बिगाड़ने में काफी अहम मायने रखती है. इस आम चुनाव में यूपी में मुख्य मुकाबला एनडीए वर्सेज इंडी गठबंधन का है. ऐसे में आज हम आपको फतेहपुर सीकरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सियासी समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइये जानते हैं...


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2009 में अस्तित्व में आई थी फतेहपुर सीकरी सीट 
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट साल 2009 में अस्तित्व में आई थी. यहां हुए पहले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सीमा उपाध्याय ने जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2014 में मोदी लहर में बीजेपी के चौधरी बाबूलाल ने यहां से सांसद चुने गए. साल 2019 में भी नतीजा बीजेपी के पक्ष में रहा. भाजपा के उम्मीदवार राजकुमार चाहर ने बसपा के प्रत्याशी को हराकर संसद पहुंचे थे. इस सीट पर कांग्रेस और सपा की स्थिति खराब रही है. फतेहपुर सीकरी सीट से कांग्रेस ने राजबब्बर को दो बार प्रत्याशी बनाया था. हालांकि, दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. यहां कांग्रेस या सपा को एक बार भी जीत नहीं मिली है. 


कांग्रेस के पाले में गई सीट
उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ है. फतेहपुर सीकरी की सीट कांग्रेस के झोली में आई है. इस सीट पर अब तक तीन बार लोकसभा के चुनाव हुए, लेकिन हर बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. सपा की साइकिल भी अब तक कोई कमाल नहीं दिखा सकी. इस बार दोनों दलों का गठबंधन है. माना जा रहा है कि यह गठबंधन भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है. अभी तक किसी भी दल ने इस सीट पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. 


पांच विधानसभा सीट
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद और बाह शामिल हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 


क्या है जातीय समीकरण? 
फतेहपुर सीकरी की पांच विधानसभाओं में करीब 17,90748 मतदाता हैं. साल 2019 में यहां 60 फीसदी वोटिंग हुई थी. यहां 3.50 लाख से अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं, जो सबसे अधिक संख्या में है. इसके बाद क्षत्रिय समाज 3.25 लाख के करीब हैं. वैश्य की संख्या करीब 1 लाख है. निषाद 1.50 लाख, 2 लाख दलित और 1.80 लाख जाट मतदाताओं की संख्या है. 


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