Lok Sabha Elections 2024: यूपी की इस चर्चित सीट पर बीजेपी ने पुराने चेहरे पर जताया भरोसा, पढ़ें कैसा रहा है कैराना सीट का इतिहास
Lok Sabha Chunav 2024: पश्चिमी यूपी की कैराना लोकसभा सीट राजनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जाती है. कैराना लोकसभा सीट का इतिहास रहा है कि यहां पर कोई भी दल दो बार से ज्यादा लगातार जीत हासिल नहीं कर सका है.
UP Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश से 51 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं. भाजपा ने मुजफ्फरनगर सीट से डॉ. संजीव बालियान और कैराना से प्रदीप कुमार को टिकट किया गया है.बीजेपी ने इस बार लोकसभा 2024 के मद्देनजर कैराना लोकसभा सीट पर प्रदीप चौधरी को दूसरी बार प्रत्याशी घोषित किया है. इस बार भी लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रदीप चौधरी और सपा प्रत्याशी इकरा हसन के बीच आमने सामने का मुकाबले के आसार बन गए हैं.
कैराना लोकसभा सीट
बीजेपी- प्रदीप चौधरी
सपा-इकरा हसन
बसपा-धर्म सिंह सैनी
कैराना सीट पर सबसे पहले सांसद
कैराना लोकसभा सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं. इस सीट के सबसे पहले सांसद 1962 में यशपाल सिंह बने थे, जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे.चुनावों में जीत हार के आंकड़ों पर गौर करें तो 1991 के बाद जितने भी चुनाव हुए, उनमें से 2004 के चुनाव को छोड़कर बाकी सभी चुनाव में बीजेपी मुकाबले में ही रही.
आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस सीट पर तीन बार बीजेपी, दो बार कांग्रेस और तीन बार रालोद ने जीत दर्ज की है. बसपा और सपा ने एक-एक बार जीत का स्वाद चखा है. जनता दल और जनता पार्टी ने दो-दो बार परचम लहराया. वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी का कब्जा हैं.
कैराना लोकसभा-पांच विधानसभा
कैराना लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा-नाकुर, गंगोह, थाना भवन, शामली एवं कैराना आती है. जहां की सांसद आरएलडी की तबस्सुम बेगम है. कैराना लोकसभा में 2014 के चुनाव में भाजपा के हुकुम सिंह जीते थे. सांसद हुकुम सिंह के देहांत होने के बाद, 2018 में हुए कैराना लोकसभा उपचुनाव में आरएलडी की महिला प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी. कैराना लोकसभा में 1998 और 2014 में बीजेपी जीती. कैराना लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा में से तीन विधानसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है.
बीते चुनावों में जीत और हार के आंकड़ों पर गौर करें तो 1991 के बाद जितने भी चुनाव हुए, उनमें से 2004 के चुनाव को छोड़कर बाकी सभी चुनाव में बीजेपी मुकाबले में ही रही. 1991 और 1996 में भाजपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे तो 1998 में भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र वर्मा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1999 में भाजपा प्रत्याशी निरंजन सिंह, 2009 में हुकुम सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे. फिर 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हुकुम सिंह कैराना सीट से सांसद चुने गए. साल 2019 में भाजपा से सांसद प्रदीप चौधरी सांसद चुने गए. हालांकि, 1989 के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अहम मुकाबले में भी नहीं आ सका.
कैराना सीट का इतिहास
नोट: ये ब्योरा निर्वाचन कार्यालय से लिया गया है.
कैराना लोकसभा चुनाव परिणाम 2019
कैराना लोकसभा चुनाव परिणाम 2014
कर्णपुरी है प्राचीन नाम
कैराना प्राचीन काल में कर्णपुरी के नाम से जाना जाता था, जो बाद में बिगड़कर किराना नाम से जाना गया और फिर कैराना हो गया. कैराना उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. मुजफ़्फ़रनगर से करीब 50 किलोमीटर पश्चिम में हरियाणा पानीपत से सटा यमुना नदी के पास बसा कैराना राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का घर भी माना जाता है. दिल्ली से कैराना की दूरी करीब 103 किलोमीटर है. कैराना में मुस्लिम और जाट वोटरों की संख्या अधिक है. इस लोकसभा क्षेत्र के तहत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं.