Meerut News: मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल को MP MLA कोर्ट ने सजा सुनाई है. उन पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वर्ष 2012 में दिल्ली मेरठ शटल ट्रेन रोकने पर मुकदमे में ये सजा हुई है. जीआरपी ने राजेंद्र अग्रवाल और अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज कराया था. सांसद राजेंद्र अग्रवाल सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.


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15 बरसों से लोकसभा सांसद
राजेंद्र अग्रवाल मेरठ लोकसभा सीट से पिछले 15 बरसों से सांसद हैं.  2009 से तीन बार मेरठ-हापुड़ निर्वाचन क्षेत्र पर उनका दबदबा देखा गया है. मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट पर उन्होंने बीजेपी को शानदार जीत दिलाई है. अग्रवाल ने 2009 में बसपा के मलूक नागर को करीब 47 हजार वोटों से हराया था. जबकि 2014 में अग्रवाल ने बसपा के मोहम्मद शाहिद अखलाक को दो लाख 32 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी. 2019 में सपा-बसपा गठबंधन हुआ तो कांटे की लड़ाई थी, लेकिन हाजी याकूब कुरैशी को महज पांच हजार वोटों से मात देकर राजेंद्र अग्रवाल ने सीट बचा ली.


फिजिक्स में एमएससी
पिलखुवा में जन्मे राजेंद्र अग्रवाल ने गाजियाबाद मोदी नगर से फिजिक्स में एमएससी की है. अग्रवाल को लोकसभा कार्यवाही में उन्हें अक्सर पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्य करते हुए देखा जाता है. अग्रवाल लोकसभा में सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष हैं. नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पर  बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष भी थे. 


राजनीतिक करियर 
अग्रवाल ने 90 के दशक में भाजपा मेरठ महानगर के अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. फिर वर्ष 2000 में वेस्ट यूपी में भाजपा बौद्धिक और प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रभारी की जिम्मेदारी संबाली. वो 2007 तक बीजेपी में कई राष्ट्रीय और प्रादेशिक पदों पर जिम्मेदारी संभालते रहे. अब 2009 से वो मेरठ लोकसभा सीट से सांसद हैं.


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