UP Politics: उत्तर प्रदेश में इस बार न सिर्फ बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा बल्कि खुद को पिछड़ों का मसीहा मानने वाली पार्टियां भी औंधे मुंह गिर गईं. यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर तो अपने बेटों तक को भी जीत नहीं दिला सके. जिसके बाद इनकी अहमियत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. जिस पर अब  निषाद पार्टी के अध्यक्ष  संजय निषाद का बयान सामने आया है. यूपी में मिली हार पर उन्होंने कहा कि जीत और हार तो राजनीति का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहीं न कहीं कुछ बयान और बातें ऐसी रहीं कि जिसकी वजह से हमारी हार हुई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

UP By Polls 2024: क्या लोकसभा का प्रदर्शन साथ दोहराएगी सपा-कांग्रेस? यूपी उपचुनाव में फिर होगी बीजेपी से टक्कर


ये बातें कर गईं असर-निषाद
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि संविधान को लेकर नेताओं की गलत बयान बाजी और अति महत्वाकांक्षा ने हमें हार का मुंह दिखाया है. इसके अलावा 400 पार के नारे पर बहुत ज्यादा भरोसे के चलते शिकस्त खानी पड़ी.


आगे किया जाएगा मंथन
 उन्होंने कहा कि हम हार स्वीकार करते हैं. कहीं ना कहीं अपने लोगों के बीच कुछ मतभेद रहा और हम उनके कामों को नहीं कर पाए.  लेकिन आगे इसमें चिंतन मंथन करके सुधार किया जाएगा. ऊपर तक रिपोर्ट भेजी है.  बड़ी संख्या में दलित वोट बैंक इंडिया गठबंधन की तरफ शिफ्ट हो गया.  संजय निषाद ने भीतर घात की भी बात स्वीकारी है.


निषाद समाज से नहीं कोई नाराजगी
उन्होंने कहा कि निषाद समाज से कोई नाराजगी नहीं है. निषाद समाज ने हमें वोट दिया है. दलित वोटर शिफ्ट हो गए थे जिसका नुकसान हमको उठाना पड़ा.


समाजवादी पार्टी की घर की खेती
यूपी विधानसभा उपचुनाव में सपा कांग्रेस के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की घर की खेती है जिसको चाहे उसको टिकट दे सकते हैं, इससे हमारे ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बहुजन समाज पार्टी की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि बहन जी को चिंतन-मंथन करना चाहिए कि उनका कोर वोट बैंक क्यों छिटक गया.


BJP एक हफ्ते में करेगी 45 लोकसभा सीटों पर हार का हिसाब, 80 नेताओं की टास्कफोर्स को मिली जिम्मेदारी