लोकसभा चुनाव नतीजे के 7 दिन में हारा प्रत्याशी करा सकेगा शिकायत, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
Supreme Court Verdict On EVM: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से वोटिंग को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया. उसने वीवीपैट ( VVPAT) से 100 फीसदी मिलान के मामले में भी महत्वपूर्ण फैसला दिया है.
EVM News on Lok Sabha Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से मतदान न कराने औऱ वीवीपैट पर्चियों के सौ फीसदी ऐलान की याचिकाएं खारिज कर दी हैं, लेकिन साथ ही एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद अगर कोई शिकायत है तो नंबर 2 और नंबर 3 प्रत्याशी सात दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शिकायत कर सकता है. उसकी शिकायत की जांच विशेषज्ञ इंजीनियर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आशंकाओं के समाधान के लिए कहा, माइक्रोकंट्रोलर ईवीएम में बर्न मेमोरी की जांच परिणाम घोषित होने के बाद की जानी चाहिए. उम्मीदवारों के अनुरोध पर इंजीनियरों की एक टीम द्वारा ये जांच कराई जा सकती है. उम्मीदवार को ये अनुरोध परिणाम घोषित होने के 7 दिनों के भीतर करना होगा. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि किसी भी सिस्टम पर आंख मूंदकर शक करने से बेवजह संदेह पैदा हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी EVM और VVPAT मामले में ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से वोटिंग न कराने की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. उसने सभी ईवीएम से 100 फीसदी वीवीपैट मिलान की याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान के दिन शीर्ष अदालत ने यह निर्णय दिया है.
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, फैसले दो अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों जजों के निष्कर्ष एक हैं. एक राय से यह फैसला किया गया है. जस्टिस खन्ना ने कहा, हमने सभी याचिकाओं को खारिज किया है. SC ने EVM पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं को खारिज किया है. सभी VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग भी खारिज कर दी है. EVM से डाले गए वोट की सभी पर्चियों से शत प्रतिशत मिलान की मांग याचिकाकर्ताओं ने उठाई थी. लेकिन चुनाव आयोग ने कहा था कि इससे वोटों की गिनती में हफ्तों लग जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सिंबल लोडिंग यूनिट को सील किया जाना चाहिए. SLU को कम से कम 45 दिनों की अवधि के लिए स्टोर किया जाना चाहिए.
सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने वीवीपैट पर्चियों के सौ फीसदी मिलान की मांग करते हुए पिछले साल याचिका दाखिल की थी. उसने मतपत्रों से दोबारा वोटिंग शुरू कराने की मांग की थी. हालांकि वो ईवीएम से मतदान में गड़बड़ी पर कोई सटीक बात नहीं रख सके. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई में कहा था कि उसने मतपत्रों से मतदान के दौरान बूथ कैप्चरिंग का दौर देखा है. बैलेट बॉक्स लूट लिए जाते थे. ईवीएम से वोटिंग न कराने की मांग को एकतरफा तौर पर नहीं देखा जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि वीवीपैट के जरिये वोटों के मिलान की प्रणाली भी सही तरीके से काम कर रही है. देश में ईवीएम का इस्तेमाल चुनावों में सबसे पहले नगालैंड में किया गया था. इसके बाद से लगातार पूरे देश में इसे अपनाया गया.