Akhilesh Yadav News: लोकसभा चुनाव में जबरदस्त कामयाबी के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब केंद्र की राजनीति की ओर रुख करने का फैसला किया है. ऐसे में उनकी जगह नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसे लेकर पार्टी में मंथन तय हो गया है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक उनके चाचा शिवपाल यादव का नाम सबसे आगे माना जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है लोकसभा चुनाव में पीडीए की रणनीति की सफलता के बाद 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सपा अध्यक्ष पीडीए को और धार दे सकते हैं.


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प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी
इस चुनाव में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए ) की रणनीति के दम पर समाजवादी ने 37 सीटें जीतीं और प्रदेश की सबसे बड़ी और देश की तीसरी पार्टी बन गई. अखिलेश यादव केंद्र की ओर रुख करते हैं तो उनकी जगह यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कौन संभालेगा इस पर मंथन शुरू हो गया है. इस रेस में सबसे आगे चाचा शिवपाल सिंह यादव का नाम है.


शिवपाल यादव को बड़ी जिम्‍मेदारी
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के विधानसभा सदस्‍य से इस्‍तीफा देने के बाद उन्‍हें नेता प्रतिपक्ष से भी हटेंगे.अगर अखिलेश दिल्‍ली की ओर रुख करते हैं तो उत्‍तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के रूप में सपा नेता शिवपाल यादव को बड़ी जिम्‍मेदारी मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि, अभी इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है.  शिवपाल यादव जसवंत नगर से विधायक छह बार विधायक रह चुके हैं. यही नहीं 2009-2012 के बीच वो नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. उनके पास इसका अनुभव भी है.


 रेस में ये तीन नाम
शिवपाल यादव के अलावा सपा महासचिव राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) और इंद्रजीत सरोज का नाम भी विपक्ष के नेता की रेस में बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इन तीनों नेताओं में से किसी एक को ये अहम ज़िम्मेदारी सौंप सकते हैं.  सपा अध्यक्ष का मानना है कि नेता प्रतिपक्ष ऐसा बनाया जाए जिससे पीडीए का साफ संदेश आम जनता तक पहुंचा सके. वहीं राम अचल राजभर की बात करें तो वो अति पिछड़ी जाति से आते हैं और अकबरपुर सीट से विधायक हैं. राजभर भी 6 बार के विधायक रह चुके हैं. उनकी पिछड़ी जातियों में अच्छी पकड़ रही है.कौशांबी की मंझनपुर सीट के विधायक इंद्रजीत सिंह सरोज भी सपा अध्यक्ष के भरोसेमंद नेताओं में शामिल हैं.


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