Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया नई पार्टी का ऐलान, लॉन्च किया अपना नया राजनीतिक दल RSSP
UP Politics: पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अब खुद की पार्टी के जरिये स्वतंत्र वजूद बनाना चाहते हैं. सपा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शक्ति प्रदर्शन किया.
Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी से अलग होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज दिल्ली में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने नए राजनीतिक दल 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' लॉन्च की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी की घोषणा की. कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने एक साथ दलितों और पिछड़ों के लिए आवाज उठाने का प्रण लिया.
स्वामी का शक्ति प्रदर्शन
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 22 फरवरी को होने वाले सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य अपने तमाम समर्थकों को आने के लिए कहा था. दरअसल बीएसपी और फिर बीजेपी सरकार में अहम पदों पर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी की सांसद हैं. वो यूपी विधानसभा चुनाव में हारे थे जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें विधान परिषद में भेजा और राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया. अपने विवादित बयानों को लेकर सपा अंदर स्वामी का विरोध शुरू हो गया था और उन्होंने अपने लिए अलग राह अपना ली.
सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा
वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव रास्ते से भटक गए हैं. सपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब नई पार्टी बना ली है. इस पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा. इसके साथ ही खबर यह भी है कि वह पार्टी का झंडा लॉन्च कर चुके हैं.नीले, लाल और हरे रंग की पट्टी वाले इस झंडे में बीच में आरएसएसपी लिखा हुआ है.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अभी तक किसी न किसी बड़े राजनीतिक दल के हिस्सा रहे हैं. BSP सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण स्थिति में रहे तो BJP सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद मिला. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे सपा में आए. खुद विधानसभा चुनाव हारे, पर सपा ने उन्हें विधान परिषद में भेजने के साथ-साथ राष्ट्रीय महासचिव के पद भी दिया.