What is NOTA: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ नोटा भी लोगों की पसंद बनकर उभरा है.यूपी में भी नोटा को खूब दबाया गया.  कहीं पर नोटा का प्रतिशत प्रत्याशी को मिले वोट से भी ज्यादा था. इस बार के चुनाव में नोटा का खूब इस्तेमाल हुआ. भारत के चुनावों में प्रत्याशियों के चुनाव के दौरान मतदाताओं को उनके विकल्प के अलावा एक नोटा का भी विकल्प दिया जाता है. रुहेलखंड में प्रमुख उम्मीदवारों के बाद नोटा वोटर्स की पसंद बना. आइए जानते हैं यूपी में नोटा से कौन-कौन हारे साथ ही जानते हैं पिछली लोकसभा में नोटा का इतिहास कैसा रहा.


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नोटा से भी हारे ये प्रत्याशी
बरेली मंडल की सभी 5 लोकसभा सीटों पर ताल ठोंक रहे छोटे दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशी न केवल नोटा से हारे, बल्कि जमानत भी गंवा बैठे. कई जगहों पर तो प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई.  बरेली सीट पर बीजेपी और सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी के बाद अगले नंबर पर था तो नोटा रहा. बदायूं, शाहजहांपुर, आंवला और पीलीभीत में भी नोटा ने भाजपा,सपा-कांगेस गठबंधन और बसपा प्रत्याशी के बाद सबसे ज्यादा वोट लिए.


नोटा पर कितने कहां पड़े वोट 
बदायूं सीट: पर सबसे ज्यादा 8,562 मतदाताओं ने नोटा पर क्लिक किया. नोटा चौथे स्थान पर रहा.
पीलीभीत:7 प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले. यहां कुल 6,741 लोगों ने नोटा का बटन दबाया.
आंवला :भी 6,858 वोट पाकर नोटा ने 6 Candidates को मात दी.  
बरेली सीट: पर नोटा का बटन दबाने वाले मतदाताओं की संख्या 6,260 रही.  
शाहजहांपुर :कुल 8,490 मतदाताओं ने Nota का प्रयोग किया.
बरेली मंडल :36,911 Voters ने नोटा का बटन दबाया. बरेली सीट पर 2019 में 3,824 voters ने नोटा पर बटन दबाया.
देवरिया:10 हजार 212 मतदाताओं ने 'नोटा' पर बटन दबाया.
कुशीनगर: 9782 मतदाताओं ने Nota का बटन दबाकर पांच निर्दलियों से आगे निकलते हुए 5वें स्थान पर रहा.
महराजगंज: इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे 8 प्रत्याशियों को नकारते हुए 9745 Voters ने नोटा का प्रयोग किया 
गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों में से जहां छह पर 'नोटा' 4थे स्थान पर रहा वहीं कुशीनगर, डुमरियागंज व सलेमपुर के मतदाता इसे पांचवें स्थान पर रखने में सफल रहे.
बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में 9021
संत कबीर नगर में 9227 मतदाताओं
बस्ती में 7761 तथा गोरखपुर में 7681 मतदाता नोटा का बटन दबाया और इसे चौथे स्थान पर रखान.
 डुमरियागंज में 9447 तथा सलेमपुर में 7549 मतों के साथ नोटा को पांचवां स्थान मिला.


हार जीत का कारण नोटा
यूपी में यूं तो मतदान के प्रति लोगों का रुझान घटता-बढ़ता रहा है. पिछले दो लोकसभा चुनावों में काफी अच्छी वोटिंग हुई. आजादी के बाद से शुरू हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत 38.41 प्रतिशत  से बढ़कर पिछली बार रेकॉर्ड 59.20 फीसदी तक पहुंचा.  कुछ सीटों पर नोटा जीत-हार का कारण भी बना.


नोटा जीत-हार के अंतर से ज्यादा
दो सीटें ऐसी हैं, जहां लोकसभा 2019 में NOTA को हार-जीत का कारण माना गया. ये सीटें हैं मछली शहर और श्रावस्ती.  मछली शहर में बीजेपी के वीपी सरोज ने बीएसपी के टी राम को हराया था. दोनों की जीत-हार का अंतर बस 181 वोट का था.  इस सीट पर 10,830 वोटरों ने NOTA बटन दबाया था.  यहां NOTA चौथे स्थान पर रहा. श्रावस्ती में बसपा के राम शिरोमणि वर्मा ने 5,320 वोटों के अंतर से बीजेपी के दद्दन मिश्रा को हराया था. यहां नोटा का प्रयोग 17,108 लोगों ने किया था.


बढ़ता गया  NOTA
चुनाव NOTA वोट प्रतिशत का हिस्सा
2014 5,92,331 0.71
2019 7,25,097 0.84


त्तर प्रदेश में 2014 के संसदीय चुनाव में नोटा का सबसे कम प्रयोग वाला निर्वाचन क्षेत्र


मथुरा -0.18


अमेठी-0.20


कानपुर-0.27


जौनपुर-0.26


कैराना-0.35


उत्तर प्रदेश में 2019 के संसदीय चुनाव में नोटा का सबसे कम इस्तेमाल वाला निर्वाचन क्षेत्र


बिजनौर- 0.40


गौतमबुद्धनगर-0.60


बदायूं-0.80


आजमगढ़-0.70


लोकसभा 2019 नोटा  सबसे अधिक रॉबटर्सगंज में दबाया गया
2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे अधिक नोटा रॉबटर्सगंज में दबाया गया था.  यहां नोटा चौथे नंबर पर था.   इसी तरह मछलीशहर लोकसभा सीट पर जीत-हार का अंतर सिर्फ 181 वोट का था, यहां 10,830 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था. बलिया में प्रमुख दलों के बाद 9615 वोट पाकर नोटा चौथे स्थान पर रहा। इसी तरह आजमगढ़ में 7255 वोटों के साथ नोटा चौथे स्थान पर था.


यूपी में लोकसभा 2014 में नोटा
चुनाव आयोग ने साल 2014 के चुनाव से मतदाताओं को नोटा का विकल्प दिया था.  कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आने पर वोटर नोटा का बटन दबा सकते थे. वाराणसी लोकसभा सीट पर 2014 में नोटा पर 2051 वोट पड़े और 29 प्रत्याशी नोटा से पीछे रहे. पूर्वांचल की 13 सीटों की बात करें यहां हर सीट पर नोटा साल दर साल आगे बढ़ा है.  2014 के चुनाव में बलिया लोकसभा सीट पर 53.3 फीसदी वोट पड़े. 15 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसमें बीजेपी के भारत सिंह 3,59,758 वोट पाए और जीतने में कामयाब रहे. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नीरज शेखर 2,20,324 मत पाकर उपविजेता रहे. निवार्चन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कुल मतदाता 13,88,10,577 थे. जिसमें 5 लाख 92 हजार 331 मतदाताओं ने नोटा दबाया था. यानी प्रदेश के कुल मतदाता का 0.71 फीसदी यह हिस्सा था.


2014 में 9 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट पड़े
लोकसभा 2014 के चुनाव में बलिया सीट पर 9 कैंडीडेट को नोटा से भी कम vote मिले थे. उस समय नोटा पर 6670 वोट डले थे.  इस चुनाव में 15 प्रत्याशी मैदान में थे. नोटा से कम वोट पाने वालों में आम आदमी पार्टी समेत कई पंजीकृत दलों के उम्मीदवार और निर्दलीय शामिल थे.


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