मयंक राय(देहरादून): जी मीडिया पर सामने आई युवती ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की. उसने कहा सजा जरूरी थी ताकि इस तरह की हरकत करने वालों को सबक मिल सके. नाम बदलकर हिन्दू युवती से शादी करने और फिर बाद में उसे प्रताड़ित करने वाले अब्बास अली को कोर्ट ने सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.


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पहली बार मीडिया पर सामने आई युवती 
विश्वासघात की इस कड़वी सच्चाई का घूंट पीने वाली युवती जी मीडिया के जरिए पहली बार सामने आई. जी मीडिया से बात करते हुए उसने कहा वह उस दौर को भूल नही सकती है जिसको उसने झेला है. युवती ने कहा वह सन्न रह गई जब उसे पता लगा कि जिस अनिल को उसने हिन्दू समझकर शादी की थी वह तो अब्बास अली है. उसके पैरो तले जमीन निकल गई थी. सच जानने के बाद वह अब्बास के साथ एक पल नही रहना चाहती थी लेकिन हद तो तब हो गई जब उसके साथ मारपीट की जाने लगी. डराया गया धमकाया गया.



अकेले पड़ गई थी 
युवती के मां बाप का काफी पहले निधन हो चुका है. वह अपने भाई के साथ रहती थी लेकिन शादी के बाद जब उसके पति का असली चेहरा सामने आया तो वह अकेले पड़ गई. कोई साथ देने वाला नही था. बावजूद इसके उसने हौसला नही हारा और अपने साथ हुए अन्याय की आवाज उठाने की ठानी. पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के बाद उस पर अब्बास के परिवार ने काफी दबाव बनाया कि वह केस वापस ले ले. एक बार धोखे का शिकार हो चुकी युवती इस बार कोई समझौता करने के मूड में नही थी.


दूसरी शादी कर चुका था अब्बास 
मुकदमा दर्ज होने से पहले दोनों के बीच काफी तकरार हुई. दरअसल, अब्बास दूसरी शादी करना चाहता और उसने कर भी लिया. आज अब्बास जेल में है अब उसे सात साल जेल में सजा काटनी है लेकिन उसके विश्वास घात से जहां युवती अकेले हो गई तो अब्बास उर्फ अनिल का परिवार भी खुश नही होगा. पी़ड़िता ने कहा सभी को अपने करम यहीं भोगने होते हैं और उसके साथ जो विश्वासघात किया गया उसकी सजा अब्बास को मिल गई. कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए युवती ने कहा ये फैसला उन सभी लोगों के लिए सबक है चाहे वह किसी भी धर्म के क्यों न हों कि प्यार के नाम पर धोखा देना उचित नही. वहीं मामले में मजबूती से पैरवी करने वाली शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर का कहना था कि इस तरह के केस और सजा मिसान बनते हैं.