उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में शुक्रवार की शाम लोकभवन के सामने अमेठी (Amethi) से आई मां-बेटी के आत्मदाह मामले में कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है. दबंगों से त्रस्त मां-बेटी के इस कदम के बाद डीएम और एसपी ने पीड़ित परिवार के गांव जाकर मामले की जानकारी की. फिहाल मामले में जामो थाने के आरोपी एसओ और 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. उधर लखनऊ में गंभीर हालत में दोनों मां-बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


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मायावती ने सरकार को दी नसीहत 
इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर माँ-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा. यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले और पीड़ित को न्याय दे.' उन्होंने सरकार से लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की भी मांग की. 


 



अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा 
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा था कि बीजेपी सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं है. सपा कार्यकाल में बनवाए गए लोकभवन को लेकर उन्होंने कहा कि सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि जहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके.


 



नाली विवाद में मां-बेटी ने किया था आत्मदाह
मां-बेटी अमेठी के जामो थानाक्षेत्र के कस्बे की रहने वाली हैं. उनका पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली का विवाद हुआ था. गुड़िया के मुताबिक जब वह और उसकी एफआईआर लिखाने के लिए जामो थाने पहुंचे तो दबंग वहां भी पहुंच गए. बड़े अफसरों के हस्तक्षेप करने पर मुकदमा लिखा गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद दबंगों ने एक बार फिर गुड़िया के घर पर चढ़ाई कर मारपीट की. गुड़िया का आरोप है कि दबंगों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. 


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