पूर्वांचल से निकले सपा के दो सितारों की महाराष्ट्र में जंग, सियासी प्यादों के सहारे शह-मात का खेल
महाराष्ट्र चुनाव में इस बार दो ऐसे बड़े मुस्लिम नेताओं में आमने सामने की टक्कर है जिन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश से मुंबई जाकर कारोबार से सियासत तक का सफर तय किया, एक ही पार्टी में विधायक बने और फिर राहें जुदा हुई तो बरसों बाद एक-दूसरे के खिलाफ ही राजनीति की बिसात पर शह-मात का खेल खेल रहे हैं.
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में दो हफ्ते बाद चुनाव हैं. 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है जिसके लिए सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और इनमें से दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी पृष्ठभूमि या यूं कहें कि नाता पूर्वी उत्तर प्रदेश से है. दोनों आज के समय में महाराष्ट्र के दो बड़े मुस्लिम नेता है. एक समय में दोनों एक ही राजनीतिक पार्टी में हुआ करते थे. लेकिन आज ये दोनों नेता एक दूसरे को मात देने के लिए सियासी बिसात पर अपनी-अपनी चाल चल रहे हैं. हम बात कर रहे हैं अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक की. जो कभी दोस्त थे लेकिन आज एक-दूसरे के कड़े राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं.
अबू आजमी और नवाब मलिक बड़े मुस्लिम चेहरे
अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक दोनों ही मुंबई की मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ते रहे हैं. दोनों में याराना था और दोनों ही एक समय में सपा से विधायक चुने गए थे. लेकिन बाद में दोनों की राहें जुदा हो गईं. नवाब मलिक समाजवादी पार्टी छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए तो उधर अबु आसिम आजमी ने महाराष्ट्र में सपा में ही सीढ़ी दर सीढ़ी ऊपर चढ़ते गए और आज प्रदेश अध्यक्ष हैं. फिर सियासत जो न कराये.... ..सियासत ने आज दोनों को एक-दूसरे के आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है.
अबू आजमी, नवाब मलिक कैसे आए आमने-सामने
अबू आसिम आजमी की बात करें तो ये मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. और अब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. जबकि नवाब मलिक मुंबई के अणुशक्तिनगर सीट से चुनाव लड़ते आए हैं और जीतते भी आए हैं. अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक दोनों की पार्टी अलग-अलग थीं लेकिन फिर भी बीते वर्षों में अब तक दोनों ने एक दूसरे को खुलकर चुनौती नहीं दी थी, लेकिन इस बार हालात कुछ ऐसे बने कि दोनों एक-दूसरे को मात देने के लिए चुनावी मैदान में कूद चुके हैं.
अबू आसिम आजमी ने नवाब मलिक के राजनीतिक क्षेत्र वाले अणुशक्ति नगर में सियासी दांव चला तो नवाब मलिक भी मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर आजमी को सीधे चुनौती देने के लिए खुद ही चुनावी अखाड़े में उतर आए. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राजनीति की बिसात पर कौन शय और मात के खेल में कौन किस पर भारी पड़ता है.
अणुशक्तिनगर सीट पर किसका चलेगा जादू
नवाब मलिक की कर्मभूमि अणुशक्तिनगर सीट पर अबू आसिम आजमी ने अपने करीबी फहाद अहमद जो स्वरा भास्कर के पति हैं, को उतारा है. तो वहीं अणुशक्ति नगर सीट से अजीत पवार ने नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को मैदान में उतारा है. इस तरह अणुशक्ति नगर सीट पर चुनाव सना मलिक बनाम फहाद अहमद है. नवाम मलिक की बेटी को हराने के लिए अबू आजमी भी अपने करीबी फहाद को सपोर्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. दरअसल अणुशक्ति नगर सीट न केवल मुस्लिम बहुल इलाका है बल्कि यहां के वोटर भी पूर्वांचल बेल्ट के हैं और क्योंकि अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक भी पूर्वांचल के हैं तो इस सीट पर दोनों का ही खूब प्रभाव है.
नवाब कैसे बने मुंबई में मुस्लिम चेहरा
नवाब मलिक पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के हैं. 1970 में उनका परिवार मुंबई चला आया. यहां नवाब मलिक के पिता डोंगरी में एक छोटा सा कारोबार करने लगे और बाद में कुर्ला शिफ्ट हो गए. नवाब मलिक ने कांग्रेस के बड़े नेता गुरुदास कामत के खिलाफ चुनाव लड़ा अपना दम दिखाया और फिर कांग्रेस का ही दामन थाम लिया. कांग्रेस छोड़ सपा में गए लेकिन अबू आजमी के साथ सियासी अदावत के चलते सपा छोड़कर एनसीपी में आ गए और महाराष्ट्र में कई बार मंत्री बने.
अबू आजमी कैसे बने सपा के प्रदेश अध्यक्ष
अबू आसिम आजमी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले हैं. कारोबार से लेकर सियासत तक उन्होंने मुंबई की मानखुर्द शिवाजी नगर सीट को ही अपनी कर्मभूमि बनाया. मेहनत ऐसी की कि तीन बार विधायक बने. सपा आलाकमान उनके प्रदर्शन और राजनीतिक कौशल से ऐसे प्रभावित हुए कि आज अबू आसिम आजमी महाराष्ट्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष की भी कमान संभाल रहे हैं.
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