CM Yogi Adityanath on Muharram: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में रविवार को जो भाषण दिया था, उसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है. मुहर्रम को लेकर उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय को टारगेट करना ठीक नहीं है. 


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कांवड़ यात्रा में डीजे क्यों?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने जी न्यूज से बातचीत में कहा,  क्या कावड़ यात्रा में तेज डीजे चलाना सही है. मस्जिदों से भी लाउडस्पीकर हटाने के लिए अपील करने वालों में से वो खुद हैं. लेकिन कई बड़े बड़े महाराज जी के धार्मिक आयोजनों में ध्वनि प्रदूषण होता रहा है, लेकिन  किसी खास धर्म को टारगेट नही करना चाहिए. मुहर्रम में भी बिना परमिशन के अस्त्र शस्त्र निकालना गैरकानूनी है.


सपा सांसद का हमला
संभल में सपा सांसद जिया उररहमान बर्क ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान 'मोहर्रम में सड़कें सूनी हो जाती थी' पर भड़के. बर्क ने कहा, सीएम योगी का यह बयान उनके पद की गरिमा के उलट और सरासर गलत है. मोहर्रम हो या किसी अन्य धर्म के लोगो के जुलूस ,सभी धर्मो के लोग एक दूसरे के सम्मान में सड़कें खाली करते हैं, डर या खौफ से नहीं. सी एम ने यह बयान हिंदू और मुस्लिम के बीच फूट डालने के लिए दिया है. मुहर्रम में ताज़िए निकाले जाने को लेकर सीएम योगी का आर्डर मंजूर नहीं है. संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे.


बिजली के तारों को काटने का खर्च उठाएंगे
बर्क ने कहा, प्रशासन ऊंचे ताज़िए निकाले जाने के लिए बिजली के तारो को काटने और जोड़ने पर 38 लाख के खर्च होने का तर्क दे रहा है. 38 लाख अपनी सांसद निधि से प्रशासन को दे देंगे, लेकिन मुहर्रम का जुलूस परंपरा के अनुसार ही निकलेगा. मौलाना महताब आलम ने कहा, कमाल फारुकी के बयान पर मौलाना महताब आलम ने कहा जब भी मुसलमान का कोई भी त्यौहार या कार्यक्रम आता है तब योगी सरकार नया फरमान जारी करती है हमको यह हक संविधान ने दिया है कि हम किस तरह से जाएं अपना त्यौहार मना सकते हैं.


दरअसल, सीएम योगी ने प्रदेश कार्यसमिति के अपने संबोधन में कहा था कि अब मुहर्रम पर सड़कों पर सन्नाटा नहीं होता है. ताजिया के लिए पेड़ काटने या तारों को हटाने का काम नहीं किया जाता है. सब कुछ नियमों के अनुसार होता है, लेकिन अगर नियम कायदों में अगर त्योहार को नहीं मनाना है तो घर बैठें. किसी तरह का हुड़दंग, अराजकता या हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती. 


मुहर्रम को लेकर गाइडलाइन
इससे पहले योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा और मोहर्रम को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसमें साफतौर पर कहा गया था कि आयोजन में किसी प्रकार के प्रतिबंधित हथियार को लहराने या प्रदर्शन की इजाजत नहीं होगी. डीजे की आवाज एक निश्चित सीमा में होगी. किसी भी नए रास्ते पर जुलूस नहीं निकाला जाएगा. कोई नई परंपरा शुरू करने की इजाजत नहीं होगी. सीसीटीवी से निगरानी भी की जाएगी. सभी कांवड़ियों को आरएफआईडी टैग दिया जाएगा.  


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