ये हैं 2025 में दुनिया के सबसे खतरनाक देश, यहां देखें पूरी लिस्ट

Names of most dangerous countries: आने वाले वर्ष में नए या बिगड़ते मानवीय संकटों का सामना करने के लिए सबसे ज़्यादा जोखिम वाले देशों की लिस्ट सामने आई है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 10, 2025, 05:58 PM IST
ये हैं 2025 में दुनिया के सबसे खतरनाक देश, यहां देखें पूरी लिस्ट

Most dangerous countries in world: कैलेंडर वर्ष के अंत या शुरुआत में, कुछ संगठन, संस्थान या शोधकर्ता किसी खास क्षेत्र से संबंधित अध्ययन करते हैं. ऐसी ही एक रिपोर्ट हर साल इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी (IRC’s) की इमरजेंसी वॉचलिस्ट द्वारा प्रकाशित की जाती है, जो आने वाले वर्ष में नए या बिगड़ते मानवीय संकटों का सामना करने के लिए सबसे ज़्यादा जोखिम वाले देशों की पहचान करती है. यह संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारकों के व्यापक विश्लेषण पर आधारित है. यह अनिवार्य रूप से इस बात का पूर्वानुमान लगाने का काम करता है कि मानवीय संकट कहां है?

2025 में बढ़ते मानवीय संकटों का सामना करने वाले सबसे कमजोर देश कौनसे हैं. चेक करें

सूडान: सूडान लगातार दूसरे साल इमरजेंसी वॉचलिस्ट में पहले स्थान पर है. यह सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) के बीच जारी गृह युद्ध के कारण है, जिसके परिणामस्वरूप सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता मानवीय और विस्थापन संकट पैदा हुआ है, जिसके साथ अंतरराष्ट्रीय कानून का व्यापक उल्लंघन, यौन हिंसा, बाल सैनिकों की भर्ती और नागरिकों, स्वास्थ्य देखभाल और सहायता सेवाओं पर हमले भी हुए हैं.

म्यांमार: म्यांमार लंबे समय से चर्चा में है. 2021 में सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया. विद्रोही समूहों के उभरने से हिंसा और खून-खराबे ने व्यापक संघर्ष का रूप ले लिया है. 30 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं. चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं मानवीय पीड़ा को और बढ़ा देती हैं, क्योंकि देश की जल और स्वास्थ्य प्रणाली पहले से ही प्रभावित है.

सीरिया: 2011 में शुरू हुआ सीरियाई संघर्ष अपने 14वें साल में प्रवेश कर चुका है. विद्रोही ताकतों ने 2024 के अंत में पूरे देश पर कब्ज़ा कर लिया और बशर अल-असद के नेतृत्व वाली सरकार को उखाड़ फेंका. ये विद्रोही समूह अब दमिश्क पर नियंत्रण हासिल कर चुके हैं. 14 साल से चल रही लड़ाई के कारण 13.8 मिलियन से ज़्यादा सीरियाई विस्थापित हुए हैं और व्यापक गरीबी है. सीरिया का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है.

दक्षिण सूडान: दक्षिण सूडान सूडान से संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, हिंसा और जलवायु आपातकाल से जूझ रहा है और लगातार दूसरे साल इस सूची में स्थान पर है. दक्षिण सूडान लाखों सूडानी शरणार्थियों को भी शरण दे रहा है. इनके अलावा, भयंकर बाढ़ ने इसकी समग्र अर्थव्यवस्था और खाद्य उत्पादन को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

लेबनान: 7 अक्टूबर, 2023 से लेबनान स्थित हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच भयंकर सशस्त्र संघर्ष की स्थिति है, इस प्रकार पश्चिम एशियाई देश को पहली बार आपातकालीन निगरानी सूची के शीर्ष 10 में डाला गया है. 27 नवंबर, 2024 से 60-दिवसीय युद्धविराम लागू है. हालांकि, संघर्ष के कारण 1.4 मिलियन से अधिक नागरिक विस्थापित हुए हैं.

सोमालिया: अल-शबाब ने 2024 में 120 से ज़्यादा हमले किए हैं और देश से अफ़्रीकी संघ के ATMIS के हटने के बाद इसके और ज़्यादा मज़बूत होने की संभावना है. सोमालिया 2021-2023 के भयंकर सूखे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिसने भूख और बच्चों के कुपोषण को और भी बदतर बना दिया है. जलवायु कारक भी सोमालिया की स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बना हुआ है.

यमन: 2015 में गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से, यमन दुनिया के सबसे ख़तरनाक देशों में से एक बना हुआ है क्योंकि देश उथल-पुथल में डूबा हुआ है. व्यापक अकाल, बीमारी और बुनियादी ढांचे के ढहने से भी संकट और बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें- इस देश में कभी हिन्दुओं की थी अच्छी संख्या, लेकिन आज बनकर रह गए अल्पसंख्यक, स्थिति बुरी

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़