लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मदरसों में जो शिक्षा छात्र-छात्राओं को दी जा रही है उसे लेकर यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, सरकार की योजना है कि प्रदेश के मदरसों में छात्र छात्राओं को आधुनिक शिक्षा मुहैया कराई जाए और इसके लिए नया प्लान भी तैयार किया गया है. दरअसल, शनिवार को सर्किट हाउस में एक मीटिंग हुई जिसमें मदरसा शिक्षक शामिल हुए, इनकी मीटिंग अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी के साथ थी. इस दौरान दानिश आजाद ने कहा कि प्रदेश के मदरसों में उर्दू, अरबी और फारसी के साथ साथ बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व डाटा साइंस पढ़ाया जाए. साथ ही कोडिंग को लेकर भी शिक्षा दी जाए. सप्ताह में एआई की दो कक्षाएं होंगी जिससे दीनी तालीम व टेक्नोलॉजी दोनों का ज्ञान मदरसों के बच्चे ले सकें.


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समस्या का समाधान 
दानिश आजाद का कहना है कि सरकार चाहती है कि जो भी मौलवी बनना चाहते हैं वो बनें, लेकिन जो छात्र-छात्राएं डॉक्टर-इंजीनियर बनने की इच्छा रखते वो भी अपने सपने को पूरा करें. मुसलमानों को तालीम से जोड़ने के लिए सरकार ईमानदारी से कोशिश कर रही है. खेलो इंडिया अभियान में भी मदरसा के बच्चे भाग लेंगे. मीटिंग में ध्यान देने वाली बात ये रही कि मदरसों के आधुनिक शिक्षकों ने इस दौरान पिछले पांच साल से केंद्र सरकार से फंड न मलने की बात उठाते हुए शिकायत की. जिसे लेकर दानिश आजाद ने कहा कि समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा. 


तैयार किए गए हैं 22 वीडियो
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की बैठक बुधवार के दिन की थी. तब उन्होंने जानकारी दी थी कि अब यूपी के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई एआई के वीडियो के माध्यम से कराई जाएगी, साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समुदाय जैसे कि वो बच्चे जो पंजाबी भाषा में पढ़ाई कर रहे उनको भी इसका फायदा हो पाएगा. इन वीडियो की पहुंच को और विस्तार देने के लिए ऊर्दू और पंजाबी भाषा में इसे ट्रांसलेट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एआई की आधारभूत जानकारी के 22 वीडियो बनाए गए हैं.


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