शीला दीक्षित की तरह दिल्ली की नई सीएम आतिशी का UP कनेक्शन, क्या महिला मुख्यमंत्री आने से फिर चमकेगी राजधानी
Delhi New Chief Minister: आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. आतिशी भी यूपी की बहू शीला दीक्षित की तरह महिला होने के साथ पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. लेकिन क्या वो शीला दीक्षित की तरह दिल्ली की दिशा और दशा बदल पाएंगी.
Aatishi Delhi New Chief Minister: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर बना सस्पेंस मंगलवार को खत्म हो गया. केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में बतौर मुख्यमंत्री आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसको मंजूरी मिली है. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित प्रदेश की कमान संभाल चुकी हैं. आतिशी भी दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित की तरह महिला होने के साथ यूपी की बहू हैं. लेकिन क्या वो शीला दीक्षित की तरह दिल्ली की दिशा और दशा बदल पाएंगी.
दिल्ली की नई सीएम का यूपी कनेक्शन
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना का उत्तर प्रदेश से भी खास कनेक्शन है. वह मिर्जापुर जिले की बहू हैं. आतिशी के पति प्रवीण सिंह मिर्जापुर के मझवा विधानसभा के अनंतपुर गांव के रहने वाले हैं. साल 2004 में दोनों की शादी हुई थी. मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव में एनजीओ की ओर से काम करते हुए दोनों की मुलाकात हुई थी, इसके बाद दोनों सात जन्मों के बंधन में बंध गए.
पंजाब में जन्मी शीला दीक्षित यूपी के उन्नाव जिले में बहू बनकर आईं. यहीं से उनकी राजनीतिक पारी शुरू हुई. शीला दीक्षित की ससुराल उन्नाव के फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के ऊगू कस्बे में है. उनकी शादी केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे उमाशंकर दीक्षित के बेटे आईएएस विनोद दीक्षित से हुई. ससुर से राजनीति के दांवपेच सीखकर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए शीला दीक्षित पहली बार 1984 में कन्नौज से चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं. राजीव गांधी सरकार में उन्होंने केंद्रीय मंत्री का भी पदभार संभाला. हालांकि 1989 में उनको हार का सामना करना पड़ा. 1996 में उन्नाव से किस्मत आजमाई लेकिन सफलता नहीं मिली.
शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में 31 मार्च 1938 को हुआ. शिक्षा से राजनीति का मैदान तक दिल्ली को ठिकाना बनाया. डीयू के मिरांडा कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट शीला दीक्षित ने दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट भी किया. साल 1984 से 1989 तक पांच साल उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया.
दिल्ली की तीन बार रहीं सीएम
आपातकाल से पहले शीला दीक्षित का ज्यादातर समय उन्नाव में ही बीता. लेकिन इसके बाद उन्होंने दिल्ली कूच किया और लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनकर दिल्ली की गद्दी संभाली. दिल्ली की सीएम बनने के बाद भी उन्नाव के लोगों से उनका जुड़ाव बना रहा. यहां आने जाने वालों से वह क्षेत्र की खूब बातें किया करती थीं. दिल्ली के विकास में उनके योगदान को लोग आज भी याद करते हैं. उनको गांधी परिवार का करीबी माना जाता था.
किए कई ऐहितासिक काम
शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री रहते कई ऐसे काम किए, जिनको हमेशा याद रखा जाएगा. इसमें दिल्ली मेट्रो का श्रेय, राजधानी में सड़कों और फ्लाइओवर का जाल बिछाने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बदलाव, सीएनजी बसों को चलाने, स्कूलों की हालत सुधारने और दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण से निपटने जैसी कई बड़ी उपलब्धियां शुमार हैं.
मायावती ने बताया सियासी दांव
बसपा प्रमुख मायावती ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने को राजनीतिक पैंतरेबाजी बताया. साथ ही सवाल उठाए कि दिल्ली की जनता ने जो उनके जेल में रहते जो असुविधाएं और दिक्कतें झेली हैं उनका हिसाब कौन देगा.
पीएम मोदी के जन्मदिन पर पूरे होंगे NDA 3.0 सरकार के 100 दिन, यूपी को मिले तोहफे ही तोहफे
CM Yogi ने PM Modi को दी अनोखे अंदाज में बधाई,धामी से लेकर मायावती ने भी किया पोस्ट