अयोध्या: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है जिसकी तैयारियां अंतिम चरण में है. उत्सव में जिन अतिथियों को आमंत्रित किया गया है उनसे संवाद करने के लिए हिंदी, गुजराती, अंग्रेजी सहित कई और भाषाओं के विशेषत्रों को की टीम को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ड्यूटी पर लगा दिया है. 


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ईमेल या वॉट्सऐप से लिए गए विवरण
इसी मंगलवार से अतिथियों से बात करने के क्रम की शुरुआत कर दी गई. सभी से 20 जनवरी 2024 को दिन के समय या फिर 21 जनवरी की सुबह तक अयोध्या पहुंचने का आग्रह किया जा रहा है और अतिथियों से उनकी यात्रा से संबंधित पूरी डीटेल भी मांगी जा रही है. ईमेल या वॉट्सऐप पर अतिथि सभी विवरण भेजेंगे और उसी आधार पर उनकी रहने खाने से जुड़ी व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी. प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को राम जन्मभूमि परिसर में सभी अतिथियों को सुबह 10 बजे तक पहुंच जाना होगा.


300-500 अतिथियों से बातचीत करेंगे एक विशेषज्ञ
अतिथियों को फोन करके जय श्रीराम के साथ वार्ता शुरू की जाती है औक फिलहाल सिर्फ 30 प्रतिशत अतिथियों से बात हो पाई है. ऐसा ही सिलसिला दो से तीन दिन तक चलेने वाल है. मंदिर निर्माण में जिन लोगों ने एक करोड़ रुपये से ऊपर दान दिया उनको भी आमंत्रित किया गया है और इसके लिए फोन किया गया. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के मुताबिक जन्मभूमि परिसर में  प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आठ हजार कुर्सियां लगेंगी. उत्तर भारतीय अतिथियों से बात करने के लिए ट्रस्ट ने करीब  सात से आठ हिंदी भाषी विशेषज्ञों को रखा है. वहीं  पूर्वोत्तर व देश के दक्षिणी हिस्से से अतिथियों को आमंत्रित करने के लिए बात करने की ट्यूटी पर अंग्रेजी भाषा के विशेषज्ञ को लगाया गया है. कुछ विशेषज्ञ 300, कुछ 500 अतिथियों से बात करेंगे. 


इन अतिथियों में कई अलग अलग क्षेत्र के लोग शामिल हैं--
देश के प्रतिष्ठित संत, महंत
खिलाड़ी, फिल्म स्टार
विज्ञानी, लेखक
कवि व कलाविद्


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