हाई कोलेस्ट्रॉल को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर छिपे रहते हैं और जब तक पता चलता है, तब तक यह गंभीर रूप ले चुका होता है.
Trending Photos
हाई कोलेस्ट्रॉल को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर छिपे रहते हैं और जब तक पता चलता है, तब तक यह गंभीर रूप ले चुका होता है. हालांकि, हाई कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने का सबसे आम तरीका ब्लड टेस्ट है, लेकिन आपके मुंह की सेहत भी इसके संकेत दे सकती है. दांत और मसूड़ों की स्थिति आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल का राज खोल सकती है.
आपके मुंह और कोलेस्ट्रॉल का संबंध आपके सर्कुलेटरी सिस्टम से है. हाई कोलेस्ट्रॉल से नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है. इसका असर मसूड़ों पर भी पड़ता है. पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व न मिलने पर मसूड़े बीमारियों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं.
मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण जिंजिवाइटिस और पेरियोडोंटाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
जिंजिवाइटिस: यह मसूड़ों की सूजन है, जिसमें मसूड़े लाल, सूजे हुए और खून बहने लगते हैं.
पेरियोडोंटाइटिस: यदि जिंजिवाइटिस का इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर संक्रमण में बदल सकता है. यह दांतों को सहारा देने वाले ऊतकों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दांत गिर सकते हैं.
ड्राई माउथ के संकेत
हाई कोलेस्ट्रॉल का एक और संकेत है ड्राई माउथ. इसमें लार ग्रंथियां पर्याप्त लार नहीं बनातीं, जिससे मुंह सूखा रहता है. यह चबाने और बोलने में दिक्कत पैदा कर सकता है. ड्राई माउथ से ओरल इंफेक्शन और दांतों के सड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है.
सावधानी बरतें और नियमित जांच कराएं
हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती संकेत मुंह के जरिए दिख सकते हैं. इसलिए नियमित दंत जांच कराना बेहद जरूरी है. यदि आपको मसूड़ों में सूजन, खून बहने, दांतों में ढीलापन या मुंह सूखने की समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.