अयोध्या: अयोध्या में करीब 5 साल बाद अततः वो पल आ ही गया है जब अपने भव्य- दिव्य नवीन मंदिर में रामलला प्रतिष्ठित होंगे. कड़ी सुरक्षा के बीच भक्तजन रामलला के अंचल विग्रह को बुधवार को देर शाम कर्म कुटीर से बंद ट्रक में श्रीरामजन्म भूमि परिसर में रामपथ से ले जाया गया. देर रात क्रेन से प्रतिमा को ट्रक से उतार लिया गया और फिर मंदिर परिसर में ले आया गया है. प्रतिमा को गर्भगृह में गुरुवार को विराजमान कर दिया जाएगा. पीएम मोदी की मौजूदगी में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और इस समारोह की तैयारियां जोरों पर है. इसके पहले तय किए गए मुहूर्त में शाम के 4.20 बजे रामलला के प्रतिरूप रजत विग्रह की पूजा की गई और पालकी में विराजकर प्रतीकात्मक रूप से नवीन मंदिर की परिधि में घुमाया गया. 


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पांच सुहागिन महिलाएं सिर पर कलश
वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान की तैयारियों में दूसरे तय मुहूर्त में दोपहर के 1: 25 बजे से विधिवत रूप से मां सरयू की पूजा की जाएगी. इसके अलावा यज्ञमंडप में प्रतिष्ठित किए जाने वाले नौ ताम्र कलश की भी पूजा की गई. इस पूजन के बाद सरयू का जल कलश में भरा जाएगा और फिर जल यात्रा की गई. यह जल यात्रा भी प्रतीकात्मक थी. सरयू तट से राम पैड़ी पांच सुहागिन महिलाएं सिर पर कलश लेकर आईं और यजमान के साथ अलग-अलग गाड़ी से श्रीरामजन्म भूमि परिसर लाया गया.



रामलला का आसन होगा अभिमंत्रित
ज्योतिषाचार्य और प्रतिष्ठाचार्य के निर्देशन में वैदिक आचार्यों ने गर्भगृह में रामलला के आसन को अभिमंत्रित किया और फिर पूजा की. सबसे पहले रामलला के आसन के नीचे पहले से तैयार किए गए गड्ढे में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही 48 द्रव्य जिसमें सप्त धान्य के अलावा नौ रत्नों और कई तरह की वनस्पतीय औषधियों को भी रखा जाएगाा. इसके ऊपर एक बार फिर से श्रीराम यंत्र को रखकर पूजा की जाएगी और फिर गड्ढे को ऊपर से बंदकर रामलला की प्रतिष्ठा के हिसाब से तैयार किया जाएगा.इसके बाद रामलला के रजत विग्रह की भी पूजा की जाएगी.


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