Lucknow: यूपी में सपनों का घर बनाना होगा महंगा, मौरंग-गिट्टी के दाम छुएंगे आसमान
Lucknow: यूपी में अब सपनों का घर बनाना महंगा हो जाएगा...बालू, मोरंग, और गिट्टी खनन से जुड़े ठेकेदारों और कारोबारियों पर गुड्स टैक्स (GST) का शिकंजा कसने जा रहा है...जानें और क्या होगा....
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब आप अगर भवन निर्माण करा रहे हैं तो आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.आने वाले समय में राज्य में घर बनाना महंगा हो जाएगा. ईट, मोरंग, बालू और गिट्टी समेत सभी तरह के खनन पर 18% जीएसटी लगेगी. खनन को सेवाकर की श्रेणी में रखते हुए दर तय की गई हैं. इस संबध में राज्य कर आयुक्त ने सख्ती से वसूली के निर्देश दिए हैं.
बालू, मोरंग, और गिट्टी खनन से जुड़े ठेकेदारों और कारोबारियों पर गुड्स टैक्स (GST) का शिकंजा कसने जा रहा है. कारोबारियों का टर्नओवर की जांच के साथ ही जीएसटी जमा करने की स्थिति की जानकारी ली जाएगी. यूपी में खनन मद में जीएसटी से मिलने वाली राशि कम है.
राज्य के सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश जारी
इस संबंध में आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने राज्य के सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देश में कहा गया है कि ऐसे लोगों की रिपोर्ट तैयार करते हुए शत-प्रतिशत जीएसटी की वसूली की जाए. सचल दल ईकाई, विशेष अनुसंधान शाखा के साथ ही जोनल अधिकारियों को आदेश दिया कि वे खनिज पदार्थों और खनन संबंधी सेवाओं में हो रही कर चोरी रोकेन के लिए ठोस कदम उठाएं.
बिलों का सत्यापन
इन भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि इन पर 18 फीसदी जीएसटी लेने की व्यवस्था है. इसलिए खनिज पदार्थों के परिवहन के दौरान सचल दल इकाइयों द्वारा ज्यादा से ज्यादा बिल इकट्ठा किए जाएं. इन बिलों को सत्यापन के लिए खंडों में भेजा जाए.
खनिज उत्पादन की राशि का आकलन
उत्तर प्रदेश लघु खनिज अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार अनुमानित रायल्टी की गणना और इसके आधार पर संभावित खनिज उत्पादन की राशि काअवलोकन कर लेना चाहिए. कम कीमत दिखाकर खनिज पदार्थों की चोरी करना पुराना तरीका है. इन प्रोडक्ट्स के मूल्यांकन के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं की मूल्य सूची के आधार पर इसका मूल्यांकन (Evaluation ) करना चाहिए.
आपूर्ति का मूल्यांकन
खनन स्थल से मिलने वाली चीजों और स्थल से दूरी के आंकलन के आधार पर भाड़े की गणना करते हुए आपूर्ति का मूल्य का अंकन तय किया जाना चाहिए. रॉ मेटेरियल यथा बोल्डर की जांच होनी चाहिए. खनन संबंधी एक्टिविटीज में लगने वाले बिजली की खपत और सेनसेट और मशीनरी इत्यादि में डीजल का उपयोग या खपत व बिजली खपत का मूल्य निर्धार भी किया जाना चाहिए. प्रयुक्त मशीनरी के किराए आदि के होने वाले तथ्यों का परीक्षण सतर्कता से किया जाना चाहिए.