लखनऊ: मुख्तार अंसारी के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है. इसके लिए पूरी योजना के तहत कार्य किया जा रहा है. दरअसल, एलडीए के अफसरों ने पहले तो मुख्तार के करीबियों की इमारतों की जांच किरायेदार बनकर की और इसी दौरान उन्हों कई घंटों तक पूरे अपार्टमेंट की टोह ली. हुसैनगंज के एफआई टावर को देखने पहुंचे एलडीए के अधिकारियों ने किरायेदार की तरह केयर टेकर से बात की. इस दौरान फ्लैट खाली होने की जानकारी देते हुए केयर टेकर ने कई फ्लैट दिखाए. किराएदार के बहाने अधिकारियों ने टॉप फ्लोर से बेसमेंट का भी जायजा लिया और फिर तीन फ्लैटों का किराया एडवांस में एक दो दिन में देने का कहकर निकल गए.अब छानबीन के बाद इमारतों की रिपोर्ट बनाई गई है और प्राधिकरण जल्दी ही इन पर बुलडोजर चला देगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारी वित्तीय क्षति
मुख्तार अंसारी के कई करीबी बिल्डरों ने लखनऊ में बड़े पैमाने पर अवैध अपार्टमेंट बनवाए हैं और इन अपार्टमेंट को सेल भी किया है. इनमें मुख्तार के एक साथ दो फ्लैट एक साथ होने के बारे में बताया गया है जिनमें लोग रह भी रहे हैं. कुछ खरीददारों ने फ्लैट में किराया भी लगाया है. इससे जुड़ी जानकारी उपलब्ध करने लिए ही अधिकारियों ने किराएदार बनकर जानकारी हासिल की. माफिया ने बड़े पैमाने पर  इन बिल्डिंग में अवैध निर्माण करवाया है. दो का एकल आवासीय मकान का नक्शा पास करवाया और उसी पर फ्लैट बनवा दिया. इससे प्राधिकरण को मानचित्र शुल्क के तौर पर एलडीए को भारी वित्तीय क्षति भी उठानी पड़ी.


इमारतों में रहने वाले होंगे विस्थापित
जिन माफिया व करीबियों की अवैध रूप से बनाई गईं  इमारतों को ध्वस्त करने के लिए पहचान की गई है उनमें फ्लैट खरीदकर लोग रहने लगे हैं. इमारतों को तोड़ने से पहले यहां रह रहे लोगों को एलडीए विस्थापित करेगा. इन्हें रिक्त फ्लैट प्राधिकरण देगा और 15 प्रतिशत रकम चुका देने के साथ ही फ्लैट पर कब्जा दे दिया जाए. बाकि 10 वर्षों की किस्तों पर होगा. 


और पढ़ें-  Agra News: आगरा घूसकांड पर घमासान, लेखपाल के लिए स्विफ्ट कार में आई 10 लाख के नोटों की गड्डियां