CMO murder case in Lucknow: लखनऊ: मायावती सरकार में दो सीएमओ की हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोनों हत्याओं के दोषी शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आनंद प्रकाश तिवारी पर 50 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया जबकि दो आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी किया. विशेष न्यायाधीश सीबीआइ कोर्ट अनुरोध मिश्रा ने बुधवार को यह फैसला सुनाया. 


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मायावती सरकार के दौरान परिवार कल्याण के सीएमओ विनोद आर्य और बीपी सिंह की लखनऊ में हत्या हुई थी. अक्टूबर 2010 में लखनऊ के विकास नगर में सीएमओ विनोद आर्य की गोली मारकर की हत्या गई थी. 2 अप्रैल 2011 को गोमती नगर में सीएमओ बीपी सिंह की हत्या हुई थी. मामले में आरोपी विनोद शर्मा और आरके वर्मा बरी हुए थे. 


क्या है पूरा मामला 
लखनऊ के विकास नगर में साल 2010 में तत्कालीन सीएमओ विनोद आर्य को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. उनकी जगह नए सीएमओ बीपी सिंह का भी अगले साल अप्रैल 2011 में मर्डर कर दिया गया. जांच के समय डिप्टी सीएमओ योगेंद्र सिंह सचान की भी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. 


सीबीआई ने की थी जांच
मामले की जांच का जिम्मा सरकार ने सीबीआई को सौंपा था. जांच एजेंसी ने अंशु दीक्षित, आनंद प्रकाश तिवारी, विनोद शर्मा और रामकृष्ण को शूटर बताया था. इनमें से अंशु दीक्षित की मौत पेशी से भागते समय एनकाउंटर में हो चुकी है.जानकारी के मुताबिक हत्या के पीछे फर्जी बिल पास न करने के चलते दी गई थीं.


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