कैसे बसा लखनऊ का अकबरनगर, 70 साल पहले आबाद हुआ शहर 5 महीने में जमींदोज
Akbarnagar Lucknow : लोकसभा चुनाव के पहले दिसंबर 2023 से शुरू हुआ यह अभियान चुनाव के बाद भी अनवरत जारी रहा और आखिरकार 19 जून की तड़के अंतिम इमारत को ध्वस्त करने के बाद ही रुका.
Lucknow News : कुकरैल नदी पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जों से पाट दिया गया लखनऊ का अकबरनगर इलाका अब इतिहास के पन्नों में दफन हो चुका है. इस क्षेत्र को अब ईको टूरिज्म के हब के रूप में विकसित किया जाएगा. योगी सरकार ने भी इस क्षेत्र को चमकाने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अकबरनगर को भूमाफिया, घुसपैठियों, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के कब्जे से खाली करा लिया गया है. यहां कब्जा कर बनाए गए एक-एक अवैध मकान और बड़े-बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जमींदोज कर दिया गया है. बुधवार तड़के आखिरी बची चार मंजिला इमारत को भी ध्वस्त कर एलडीए ने अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया. 10 जून से शुरू हुई कार्रवाई के खत्म होने के बाद अब योगी सरकार इस क्षेत्र के चहुंमुखी विकास पर ध्यान देने जा रही है.
1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज
पिछली सरकारों और भूमाफिया की साठगांठ के चलते कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर यहां अवैध निर्माण कर लिए गए थे. बाद में शासन के निर्देश पर सर्वे के दौरान नदी की जमीन पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण का खुलासा हुआ. इसके बाद सीएम योगी ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर चलाने का निर्णय लिया.
चुनाव से पहले शुरू हुआ अभियान समाप्त
लोकसभा चुनाव के पहले दिसंबर 2023 से शुरू हुआ यह अभियान चुनाव के बाद भी अनवरत जारी रहा और आखिरकार 19 जून की तड़के अंतिम इमारत को ध्वस्त करने के बाद ही रुका. इस दौरान योगी के बुलडोजर ने यहां अवैध रूप से बने 1169 मकानों और 101 कॉमर्शियल निर्माण को जमींदोज कर दिया. इस अभियान में करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं, जो इस अभियान की व्यापकता को दर्शाता है.
कोर्ट ने सरकार की कार्रवाही को सही माना
इस दौरान कई अड़चनें भी आईं, लेकिन सीएम योगी ने हर चुनौती का सामना करते हुए अभियान को अंतिम रूप दिया. कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए सीएम योगी ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. कोर्ट ने भी योगी सरकार की कार्रवाई को सही माना.
नए सिरे से विकसित होगा क्षेत्र
कुकरैल नदी का क्षेत्र खाली होने के बाद अब यहां रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा. बख्शी के तालाब के पास दशौली गांव को इसका उद्गम स्थल माना जाता है. इसलिए वहीं से इसका विकास किया जाएगा. साथ ही यहां मौजूद सभी तालाबों को इंटरलिंक करके क्षेत्र को संवारा जाएगा. इसके अलावा नगर विकास विभाग के अंतर्गत कई अन्य परियोजनाओं को यहां मूर्त रूप दिया जाएगा.
सभी विभागों को दी जिम्मेदारी
यही नहीं कई अन्य विभागों को भी इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन परियोजनाओं का लेआउट प्लान तैयार किया जा रहा है. जल्द ही सीएम योगी की मंजूरी के बाद इसकी घोषणा की जाएगी. वहीं, योगी सरकार कुकरैल वन क्षेत्र को ईको टूरिज्म का हब बनाने जा रही है. यहां देश की पहली नाइट सफारी विकसित होने जा रही है.
देश की पहली नाइट सफारी
नाइट सफारी क्षेत्र में इंडियन वॉकिंग ट्रेल, इंडियन फुटहिल, इंडियन वेटलैंड, एरिड इंडिया व अफ्रीकन वेटलैंड की थीम पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्र मुख्य आकर्षण होंगे. नाइट सफारी में कुल 42 इनक्लोजर में 54 प्रजातियों के जानवरों को रखा जाएगा. पर्यटकों द्वारा नाइट सफारी पार्क का अवलोकन 5.5 किमी ट्राम-वे तथा 1.92 किमी का पाथ-वे के माध्यम से किया जाएगा. नाइट सफारी में एशियाटिक लॉयन, घड़ियाल, बंगाल टाइगर, उड़न गिलहरी, तेंदुआ, हायना आदि आकर्षण का केंद्र होंगे. कुकरैल नदी के दोनों तरफ सुंदर पार्क विकसित किए जाएंगे. एडवेंचर एक्टिविटी भी होंगी.
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