लखनऊ/ तुषार श्रीवास्तव​: लखनऊ से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है जहां हिंदी ना समझ पाने से परेशान होकर दार्जिलिंग की छात्रा ने सुसाइड कर ली. दरअसल, आठवीं की छात्रा दीया 5 महीने पहले अपने परिवार के साथ दार्जिलिंग से लखनऊ के रुचि खंड में किराए के मकान में शिफ्ट हुआ थी. दार्जिलिंग होने की वजह से उसे हिन्दी समझ नहीं आती थी जिससे उसे पढ़ाई करने में दिक्कत हो रही थी. 13 साल की दिया का एक निजी स्कूल में दाखिला कराया गया था. दिया कि मां ड्यूटी से वापस आ रही थी जब उन्होंने दिया को फांसी के फंदे पर लटका देखा. 


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दार्जिलिंग के रहने वाले 
दार्जिलिंग में रहने वाली निमाकिट एक निजी सिक्योरिटी कंपनी में काम करती हैं. वह पांच महीने पहले अपनी छोटी बेटी दीया के साथ लखनऊ के रचिखंड में एक किराये के घर में शिफ्ट हुई थीं. दीया, जो आठवीं कक्षा में पढ़ती थी उसे एक निजी स्कूल में दाखिला दिलवाया गया था. दिया के पिता निर्मल अपनी बड़ी बेटी के साथ अकेले दार्जिलिंग में रहते हैं.


डॉक्टरों ने मृत घोषत किया
जब निमाकिट मंगलवार सुबह काम पर चली गईं, तो दीया ने दोपहर में कमरे के पंखे पर दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली. पड़ोसी ने उसे फंदे पर लटका देखकर मां को फोन किया. जब वे घर पहुंचीं, निमाकिट ने अपनी बेटी को फंदे से उतारा और उसे लोकबंधु अस्पताल ले गईं, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषत किया. 


शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा
वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया. किला चौकी इंचार्ज प्रवेंद्र सिंह ने बताया कि दीया को हिंदी समझ में नहीं आती थी. इसलिए वह अच्छी तरह से पढ़ नहीं पाती थी. मां के अनुसार इसी के चलते तनाव बेटी ने जान दे दी.


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