Lucknow News: 25 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले उत्तर प्रदेश में बाहर के खान-पान के बढ़ते प्रचलन के बीच मिलावट और गंदगी एक बड़ा मुद्दा बन गया है. इसके खिलाफ अब यूपी सरकार और एफएसएसएआई ने गंभीर कदम उठाया है. मुट्ठी भर फूड इंस्पेक्टरों और हजारों की संख्या में दुकानों की जांच की चुनौती से निपटने के लिए प्राइवेट एजेंसी से थर्ड पार्टी फूड सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत लखनऊ से होगी. इसमें नामी ब्रांड की मिठाई और नामी की दुकानों का भी ऑडिट होगा. इससे पता चलेगा वो कितने और किस स्तर पर मानकों का पालन कर रहे हैं. 


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प्रतिष्ठित दुकानों में मिठाई की क्लालिटी कैसी है या किसी रेस्तरां में खाना किस गुणवत्ता का मिल रहा है? खाने पीने की चीजों का व्यापार करने वाले व्यापारी मानकों का कितना पालन कर रहे हैं ? ये अहम सवाल हैं. जिन पर कि अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने थर्ड पार्टी से ऑडिट कराने क सोची है. FSSAI जिस भी एजेंसी का चयन करेगी वह जाकर के दुकानों में बिकने वाले खाने पीने का सामान का ऑडिट करेंगी. अगर एजेंसी को कोई गड़बड़ी मिलती है तो दुकान का नए सिरे से रेटिंग देने का काम किया जाएगा. यही नहीं FSSAI मामले में एक्शन भी ले सकता है. यूपी की राजधानी लखनऊ में पहली बार इस तरह का फूड सेफ्टी ऑडिट होने जा रहा है.


खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से कहा गया है कि आम आदमी की सेहत को ध्यान में रखते हुए खाने की क्वालिटी में समझौता या लापरवाही नहीं की जा सकती. आपको बता दें कि FSSAI साफ सफाई और क्वालिटी को लेकर बहुत गंभीर है. आगे आने वाले समय में लखनऊ की 20 जानी मानी दुकानों का फूड ऑडिट होगा. FSSAI जिस भी एजेंसी को इस काम का जिम्मा सौंपेगा उसमें एक्सपर्ट की टीम होगी और यह टीम ऑडिट करेगी.


यह टीम जांचेगी कि दुकान द्वारा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं. ऑडिट की जैसी रिपोर्ट पेश की जाएगी उस हिसाब से FSSAI एक्शन लेगा. आपको बता दें कि इस समय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग दुकानों की रेटिंग तय करता है. रेटिंग FSDA द्वारा तय की जाती है. जो दुकानें 80 प्रतिशत मानकों का पालन करती हैं उन्हें 5 स्टार रेटिंग मिलती है. इस समय लखनऊ में 500 दुकानों को रेटिंग दी जा चुकी है.