लखनऊ: Gomti River Front Scam की प्रारंभिक जांच में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने कई कारनामे सामने लाए हैं. बताया जा रहा है कि सिल्ट सफाई के एक ही काम के लिए पति-पत्नी दोनों ने अलग-अलग टेंडर डाल दिए और फिर महिला ने 1.88 करोड़ रुपये का ठेका हथिया लिया. ऑफिसर्स जिनको ठेका देना चाहते थे, उन्हें टेंडर प्रोसेस में L-1 फर्म लाने के लिए गेम खेले गए. 


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इस मामले की सीबीआई ने की जांच
CBI ने यह भी बताया है कि इस प्रोजेक्ट की लागत 1513 करोड़ रुपये होनी थी. लेकिन, इसमें 1437 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए. वहीं, 4 टेंडर निकाल कर 12 कामों के ठेके दिए गए. इनपर 1031 करोड़ का खर्च मिला. इसके बाद, 407 करोड़ लागत के बचे 661 कामों को CBI ने अपनी जांच में शामिल किया. यह प्रोजेक्ट 2014-15 में शुरू होकर 31 मार्च 2017 तक चला था.


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पति-पत्नी ने डाली अलग-अलग बिड
गौरतलब है कि सुनीता यादव की ग्लोबल कंस्ट्रक्शन कंपनी को 1.2 किमी लंबे एरिया में सिल्ट सफाई का काम दिया गया था. इसके लिए 1.88 करोड़ खर्च होने थे. वहीं, सुनीता का व्यापार पति त्रुशन पाल के हाथ में है. इसके अलावा, दूसरी बिड मेसर्स मा अवंतिका बिल्डर्स ने की. लेकिन, इसके मालिक भी त्रुशन पाल ही थे.


जांच में पता चला कि इस प्रोजेक्ट में कुल 673 कामों के लिए अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट दिए गए. 
इनमें से 519 टेंडर द्वारा दिए गए
115 काम कोटेशन से
29 काम सीधी आपूर्ति (Direct Supply) से
9 काम मिश्रित खर्च (Mixed Expenses) से
1 काम एमओयू  (MoU) के आधार पर दिया गया.
नियमों के मुताबिक, ज्यादातर टेंडर न्यूज पेपर में नहीं छापे गए. वहीं, साठगांठ करके फर्जी लेटर सूचना विभाग को भेजे गए. 90 फीसदी बजट खर्च, काम हुआ 60 फीसदी. 


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