प्रयागराज: एसआरएन हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर युवती के साथ गैंगरेप मामले में मेडिकल कॉलेज द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक दुष्कर्म का आरोप पूरी तरह निराधार है. युवती के साथ किसी भी तरह की कोई गलत हरकत नहीं हुई है. कमेटी का कहना है कि ऑपरेशन टीम में महिला डॉक्टर्स भी शामिल थी.


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आपको बता दें कि एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज के लिए मिर्जापुर की युवती एडमिट थी. उसके चचेरे भाई ने डॉक्टरों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. साथ ही मंगलवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें युवती कागज पर लिख रही है, ''यहां डॉक्टर अच्छे नहीं हैं. सब मिले हैं, कोई इलाज नहीं किया और गंदा काम किया है.''


गठित हुई थी कमेटी
वहीं, मामले की जांच के लिए दो अलग-अलग जांच कमेटियां गठित की गई थी. एक कमेटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर एसपी सिंह ने बनाई थी, जिसमें पांच डाक्टरों का पैनल था. वहीं, दूसरी जांच कमेटी सीएमओ डॉक्टर प्रभाकर राय ने गठित की थी.  


क्या है पूरा मामला?
युवक ने पुलिस को बताया था कि उसकी बहन की आंत में समस्या है. जिसके चलते 29 मई को उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. एक जून की रात 11 बजे डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए उसे ओटी में ले गए थे. ऑपरेशन के बाद जब लौटी तो वह अचेत लग रही थी. वह कुछ कहना चाह रही थी लेकिन बोल नहीं पा रही थी. युवक के मुताबिक जब उसने अपनी चचेरी बहन को पेन दिया तो उसने कागज पर लिखा कि कुछ लोगों ने उसके साथ गलत काम किया. युवक ने प्रयागराज के एसएसपी को कॉल करके सूचना दी. 


युवक ने पुलिस पर भी लगाया था आरोप 
सूचना के कुछ समय बाद ही पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की थी. इसके बाद युवती का बुधवार को जिला महिला अस्पताल डफरिन में मेडिकल कराया गया. वहीं, इस मामले में DIG सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया था कि रात में सूचना मिलने पर सीओ कोतवाली सतेंद्र तिवारी मौके पर गए थे. पुलिस ने पीड़िता की मां और अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की. किसी ने ऐसा आरोप नहीं लगाया. बता दें कि युवक ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस ने उसकी बहन से पूछताछ करते वक्त वह कागज फाड़ दिया, जिस पर उसने अपना बयान लिखा था. 


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