लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से न्यायिक अधिकारियों को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया है. दरअसल, न्यायिक अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने 21 प्रकार के भत्ता देने का निर्णय लिया है. बीते दिन बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी जिसके बाद कार्मिक विभाग के द्वारा इस संबंध में शासनादेश भी जारी किया गया है. 


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सेवारत न्यायिक अधिकारियों के साथ ही सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों और पेंशन भोगियों के लिए की हुई संस्तुतियों के मद्देनजर ये व्यवस्था राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग ने की है. विशेष ये है कि इंटरमीडिएट तक न्यायिक अधिकारियों को बाल शिक्षा भत्ता दिया जाएगा जिससे वे अपने दो बच्चे पढ़ा सकेंगे. भत्ते के तौर पर 2250 रुपये के साथ ही छात्रावास अनुदान के तौर पर 6750 रुपये पर मंथ दिया जाएगा. 


गृह निर्माण अग्रिम भत्ता अतिरिक्त प्रभार भत्ता, वाहन परिवहन भत्ता, महंगाई भत्ता की भी व्यवस्था की गई है. अर्जित अवकाश नगदीकरण के साथ ही बिजली व जल शुल्क, उच्च योग्यता भत्ता व पहाड़ी क्षेत्र या दुर्गम स्थान पर अगर तैनाती मिली है को अतिरिक्त भत्ता भी मुहैया कराई जाएगी. हर माह 5000 रुपये की दर से भत्ता दिए जाने का निर्णय किया गया है. घरेलू सेवक या घरेलू सहायक रखा जा सके इसके लिए 10000 रुपये प्रतिमाह भत्ता के रूप में दिया जाएगा.


स्थानांतरण अनुदान भी न्यायिक अधिकारियों को देने का फैसला किया गया है. वहीं भत्ते के रूप में कई और सुविधाएं दी जाएंगे. 
मकान किराया भत्ता
फर्नीचर व एयर कंडीशन भत्ता
घरों के रखरखाव के लिए भत्ता
अवकाश यात्रा रियायत के लिए भत्ता
चिकित्सा भत्ता
चिकित्सा सुविधा भत्ता
समाचार पत्र पत्रिका लेने के लिए भत्ता
वस्त्र भत्ता
प्रशासनिक कार्यों के लिए विशेष भत्ता
सत्कार भत्ता
घरों में लगने वाले टेलीफोन मोबाइल के लिए भत्ता


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