Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ नवाबी शहर तो है ही, यहां भिखारी भी रईसजादों से कम नहीं है. पिछले दिनों जी न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि यहां के भिखारी हर महीने 80-90 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. अब नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया है कि इन भिखारियों की रईसी इस कदर है कि ये शादी ब्याह में मोटा दहेज भी लेते हैं. मकान और बैंक बैलेंस देख लोग इन भिखारियों के घर अपनी बेटियों की शादी करने से भी हिचकिचाते भी नहीं हैं.


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भिखारियों की आमदनी और दहेज में दिए जाने वाले स्थल
नगर आयुक्त ने बताया कि मंडल आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम और अन्य विभागों की टीमों ने लखनऊ में भिखारियों का सर्वे किया. इस सर्वे में यह खुलासा हुआ कि भिखारियों की आमदनी काफी अच्छी है, हालांकि इसकी पूरी जांच जारी है. एक भिखारी ने कैमरे पर यह स्वीकार किया कि वे शादियों में दहेज के रूप में उन स्थानों की जानकारी देते हैं. जहां से अच्छी भीख मिल सकती है. जैसे प्रमुख चौराहे और मंदिर.


गिरोह की तरह काम करते हैं भिखारी, बनाते हैं मैनेजमेंट
लखनऊ में भिखारियों का एक संगठित नेक्सस काम कर रहा है. ये लोग एक गिरोह की तरह शहर के विभिन्न हिस्सों में अपनी तैनाती करते हैं. कुछ भिखारी अन्य जिलों और राज्यों से आकर यहां त्योहारों और विशेष अवसरों पर भीख मांगने के लिए आते हैं. हाल ही में इंदौर से आए एक गुट को पकड़ा गया, जो त्योहारों पर लखनऊ में अच्छा पैसा कमाने आता था.


मजबूरी नहीं, प्रोफेशनल बन चुके हैं भिखारी
अधिकतर भिखारी अब इस काम में मजबूरी से नहीं बल्कि प्रोफेशनल बन चुके हैं. कई बार लोगों ने शिकायत की कि भिखारी चौराहों पर उन्हें घेर कर जबरदस्ती पैसा मांगते है. उनकी गाड़ियों पर चढ़ जाते हैं. इस वजह से नगर निगम ने इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की मुहिम चलाई है. मुहिम शुरू होने के बाद से शहर भर से कई भिखारी गायब हो गए हैं.


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