Shravan Sahu Murder Case in Lucknow: लखनऊ में कोतवाली के सामने कारोबारी को दिनदहाड़े गोलियों से भूनने वाले हमलावरों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. विशेष सीबीआई अदालत ने लखनऊ में कारोबारी श्रवण साहू मर्डर केस में शामिल सभी आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस हत्याकांड की गूंज लखनऊ समेत पूरे यूपी में हुई थी. व्यापारियों का आक्रोश पुलिस प्रशासन के खिलाफ भड़का था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक फरवरी 2017 को श्रवण साहू की हत्या हुई थी. वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले सआदतगंज के कारोबारी श्रवण साहू को बदमाशों ने उनकी दुकान में घुसकर गोलियों से भून दिया था. इससे पहले उनके बेटे की भी हत्या कर दी गई थी. वह अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए पैरवी कर रहे थे. उन्हें बेटे के हत्यारों की ओर से जान से मारने की लगातार धमकियां मिल रही थीं लेकिन लचर पुलिस सुरक्षा के कारण उन्हें भी जान गंवानी पड़ी थी. मामले में अकील अंसारी, सत्यम पटेल,अमन सिंह, विवेक वर्मा, बाबू ख़ान, फैसल, अजय पटेल और रोहित मिश्रा को उम्रकैद की सजा मिली थी. सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. शूटरों ने उस पर दनादन कई गोलियां दागी थीं. ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी.


बिजनेसमैन श्रवण साहू (Shravan Sahu Murder Case) की हत्या को लेकर तत्कालीन  एसएसपी मंजिल सैनी और जिलाधिकारी गौरीशंकर प्रियदर्शी भी जांच के घेरे में आ गए थे. पुलिस सुरक्षा मुहैया न कराने को लेकर  सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने तत्कालीन डीएम के खिलाफ भी विभागीय एक्शन की सिफारिश की थी. जांच में डीएम को लापरवाही का दोषी भी पाया गया था.आईपीएस मंजिल सैनी पर भी कार्रवाई की गई थी. 


सीबीआई जांच में पता चला था कि तत्कलीन डीएम ने श्रवण साहू को सुरक्षा देने की फाइल को मंजूरी नहीं दी. जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ की तो वो जवाब तक नहीं दे सके. कोतवाली के सीओ एलआईयू एके सिंह को भी जिम्मेदार पाया गया. श्रवण साहू के बेटे की हत्या के बावजूद उन्हें पुलिस सिक्योरिटी के लिए कुछ नहीं किया गया.


और पढ़ें


यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले लीक हो गया पेपर?, सॉल्वर गैंग के वायरल चैट की STF ने बताई सच्चाई


Viral Video: तौबा- तौबा! पोस्टमार्टम हाउस में लाशों के बीच सफाई कर्मी का महिला संग 'गंदा काम'​