लखनऊ: नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास की तैयारियों के बीच शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एक अहम निर्णय हुआ. नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) ने 1,334 हेक्टेयर भूमि का हस्तानांतरण भारत में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी कंपनी की सब्सिडियरी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को कर दिया है. एयरपोर्ट निर्माण के लिए लाइसेंस भी जारी हो गया.


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मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर दी जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. ज्यूरिख कंपनी की तरफ से तैयार एयरपोर्ट के मास्टर प्लान को अंतिम मंजूरी दी जाएगी. पहले यीडा और फिर नियाल की बोर्ड से इस पर मुहर लगेगी. इस एयरपोर्ट का शिलान्यास अगस्त के तीसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है. जल्द इसकी तारीख घोषित की जाएगी.



छह गांवों के किसानों से ली गई है भूमि
पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में ही एयरपोर्ट का निर्माण होना है. इसके लिए छह गांवों रन्हेरा, पारोही, रोही, किशोरपुर, बनवारीवास व दयानतपुर गांव की कुल 1239 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली गई है. ये जमीन जिला प्रशासन ने नागरिक उड्डयन विभाग के नाम पर खरीदी है और नियाल के नाम पहले ही जमीन ट्रांसफर हो चुकी थी. अब नियाल से ज्यूरिख की सब्सिडरी कंपनी (यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के नाम जमीन ट्रांसफर हो चुकी है.



40 साल तक संचालन का होगा अधिकार 
इस एयरपोर्ट के एक रनवे से 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है. विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी को इसे चलाने के लिए 40 साल का लाइसेंस मिलेगा. शुरुआत के सात साल कंपनी अपना खर्च निकालेगी. इसके बाद होने वाली कमाई में उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को हिस्सा मिलने लगेगा. यह कमाई सालाना एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. इससे तीनों प्राधिकरणों का आर्थिक संकट भी दूर हो जाएगा.



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