Pratapgarh:जमीन बनी दिव्यांग कंचन जायसवाल की मौत की वजह! तीन सगे भाइयों समेत 10 पर मुकदमा
Pratapgarh News: यूपी के प्रतापगढ़ जिले की नगर कोतवाली पुलिस ने ब्यूटी पार्लर चलाने वाली दिव्यांग महिला मौ मामले में उसके तीन सगे भाइयों समेत 10 नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.. इस मामले में कानूनगो और लेखपाल निलंबित हो गए हैं.
Pratapgarh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की नगर कोतवाली पुलिस ने ब्यूटी पार्लर चलाने वाली दिव्यांग महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में उसके 3 सगे भाइयों समेत 10 नामजद लोगों के खिलाफ हत्या समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, मामले में जिलाधिकारी ने संबंधित इलाके के कानूनगो और लेखपाल को भी निलंबित कर दिया है. बता दें कि 26 नवंबर को दिव्यांग कंचन जायसवाल का शव ब्यूटी पार्लर के अंदर संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया था.
इनके खिलाफ मुकदमा
नगर कोतवाली थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) सत्येंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि मृतका कंचन के भाई मनीष की तरफ से तहरीर दी गई थी. उसी के आधार पर उसके सगे भाई सचिन जायसवाल, शशि जायसवाल और ऋषि जायसवाल के अलावा अजय कुमार यादव उर्फ श्याम यादव, सौरभ जायसवाल, सुनील यादव, श्याम सिंह उर्फ़ विनय सिंह, आशीष सिंह, प्रिंस जासवाल, राजशेखर यादव और अन्य अज्ञात के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) समेत अन्य सुसंगत धाराओं में सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की गई.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज
एसएचओ ने बताया कि मनीष ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि उसके भाई सचिन, शशि और ऋषि ने अजय यादव उर्फ़ श्याम यादव व सौरभ जायसवाल के पक्ष में मौर्या मार्केट स्थित दुकानों का फर्जी इक़रारनामा कर दिया था. जिस पर कब्जे के लिए वे लोग परिवार को धमकाते थे. इससे उसकी बहन कंचन बहुत परेशान रहती थी. मनीष ने आरोपियों को बहन कंचन की हत्या का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि घटना की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी हैं.
कानूनगो और लेखपाल निलंबित
इस बीच, जिलाधिकारी संजीव रंजन (District Magistrate Sanjeev Ranjan) ने सदर तहसील क्षेत्र के चिलबिला में परिवारिक जमीन बंटवारे के विवाद और दिव्यांग महिला की मौत के मामले में सोमवार को कानूनगो दुर्गा प्रसाद और लेखपाल देवेश ओझा को निलंबित कर दिया.
हटा दिया था मृतका का नाम
जिलाधिकारी रंजन ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि मृतका कंचन के पिता मक्खनलाल ने मार्च 2022 में जो वसीयत लिखी थी, उसमें पांच बेटों और दिव्यांग बेटी कंचन का नाम था, जबकि एक बेटे सचिन को बेदखल किया था. उनके मुताबिक फरवरी 2023 में मक्खनलाल की मौत के बाद 6 अक्टूबर 2023 को लेखपाल देवेश ओझा ने खतौनी में वरासत दर्ज करते हुए बेदखल किए गए सचिन का नाम दर्ज कर दिया और कंचन का नाम हटा दिया. उन्होंने बताया कि पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए तहसील सदर में तैनात कानूनगो और लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है.
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