नई दिल्ली: गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में हार के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार में बगावत के सुर उठने लगे हैं. भाजपा की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने प्रदेश की योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही सुभासपा ने गरीबों की उपेक्षा पर भी प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया. सुभाजपा के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस मंदिरों पर है ना कि गरीबों के कल्याण पर. ये वही गरीब लोग हैं जिनके वोट के दम पर भाजपा सरकार में आई. बहुत सारी बातें कही गई थीं, लेकिन जमीनी हकीकत में थोड़ा ही बदलाव आया है.'


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सीएम योगी से मुलाकात के बाद इस्तीफे की चेतावनी देने वाले ओम प्रकाश राजभर के तेवर बदले


राजभर यहीं नहीं रुके. उन्होंने सरकार पर हमले जारी रखते हुए भाजपा पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाया. ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'हां हम सरकार और राजग में साझीदार हैं, लेकिन भाजपा गठबंधन धर्म नहीं निभा रही है. मैंने अपनी बातें रखी थीं, लेकिन ये लोग 325 सीट के नशे में पागल होकर घूम रहे हैं.'



वहीं दूसरी ओर भाजपा ने सार्वजनिक तौर पर अपनी बात कहने के लिए सुभासपा अध्यक्ष की आलोचना की है. उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'मि. राजभर हमारे नेता और सरकार में सहयोगी हैं, अगर उनके कुछ मुद्दे हैं तो उन्हें इसे जनता के बजाए कैबिनेट के सामने रखना चाहिए. आप सरकार के साथ रहकर उसकी आलोचना नहीं कर सकते, दोनों तरीकों से काम नहीं कर सकते.'



इसके आगे उन्होंने कहा पहले उत्तर प्रदेश की खराब छवि अखबार की सुर्खियां बनती थीं, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है.



मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'कुछ समय पहले तक उत्तर प्रदेश से गुंडाराज, बिजली की कमी, परीक्षा में नकल, बेकार स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी खबरें आती थी. एक साल सत्ता में रहने के बाद हमने अपराध और नकल पर नकेल कसी, अब स्वास्थ्य और बिजली सेवाएं पहले से कहीं बेहतर है. राज्य विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है.'